दक्षिण असम के हैलाकांडी जिले के नित्यानगर गांव में शुक्रवार की रात चार लोगों को गलती से बच्चे उठाने वाले गिरोह का सदस्य मानकर ग्रामीण पकड़ लिए थे और उनकी Mob lynching (भीड़ हत्या) करने जा रहे थे। इसकी सूचना पर उनको बचाने गई पुलिस टीम को लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने घेर कर हमला कर दिया। हमले में  12 सुरक्षाकर्मी समेत कई ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए। उग्र भीड़ ने जिस वाहन से पुलिसकर्मी गए थे, उसको भी आग के हवाले कर दिया।

भीड़ ने घेरकर सभी को पीटा :  जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बरुण पुरकायस्थ ने बताया कि हल्लाकंडी शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर नित्यानगर गांव के लक्कड़बाजार साप्ताहिक पशु बाजार में पुलिस कांस्टेबल जमील हुसैन सहित नौ लोगों की टीम चारों लोगों को Mob lynching से बचाने पहुंची तो लाठी डंडों से लैस स्थानीय लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया। हेलाकांडी सदर पुलिस थाना प्रभारी (OC) हेमंत कुमार दास और सेकंड ऑफिसर अशोक चक्रवर्ती, अल्गापुर पुलिस स्टेशनों के OC बोरत चंद्र कार और CRPF के दो जवानों समेत सभी को गंभीर रूप से घायल कर दिया।

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सदर पुलिस थाना प्रभारी की हालत गंभीर  : सदर पुलिस थाना प्रभारी (OC) हेमंत कुमार दास की हालत गंभीर है। उन्हें पड़ोसी जिले कछार के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। एएसपी ने कहा कि कुछ स्थानीय लोगों को भी चोटें आई हैं, जो पुलिसकर्मियों को भीड़ के हमले से बचाने गए थे। हालांकि, अतिरिक्त पुलिस बलों ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है। हलाकांडी के पुलिस अधीक्षक पबिंद्र कुमार नाथ ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है।

उपायुक्त की अफवाहों से बचने की अपील  : इस बीच, जिला उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने लोगों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा, “हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि प्रशासन और पुलिस सतर्क रहेंगे।” डीसी ने कहा, “यह स्पष्ट है कि जिले के पुलिस स्टेशनों में गुमशुदा व्यक्तियों या अपहरण के मामलों की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। निराधार अफवाहों से डर पैदा किया जा रहा है। मामले की जांच चल रही है। सभी से शांत रहने का अनुरोध है।”