असम में एक पत्रकार को पुलिस कर्मियों से सवाल पूछना भारी पड़ गया। प्रदेश के चिरांग जिले के बसुगांव में जयंत देबनाथ नाम के पत्रकार को पुलिस ने पीट दिया, क्योंकि जयंत ने उनसे हेलमेट न पहनने का कारण पूछ लिया था। वहीं, पत्रकार पर हुए हमले के बाद कई स्थानीय प्रेस क्लबों ने इस घटना की निंदा की है।
असम के एक क्षेत्रीय चैनल प्रतिदिन टाइम्स के पत्रकार जयंत देबनाथ के साथ प्रदीप साहा और लखी बर्मन नाम के दो कांस्टेबलों ने मारपीट की थी। साथ ही घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। ऐसे में दोनों कांस्टेबलों पर आईपीसी की धारा 341, 323 और 427 के तहत मामला दर्ज कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
पत्रकार जयंत देबनाथ ने मामले में बताया कि उन्होंने सोमवार के दिन दो पुलिस वालों को बिना हेलमेट बाइक चलाते हुए देखा था। तभी मैंने उनसे पूछा कि वह यातायात नियमों का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं? ऐसे में पुलिस वालों ने उन्हें गालियां देनी शुरू कर दी। जब वह नहीं माने तो मैंने उन्हें बताया कि मैं एक पत्रकार हूं और सवाल करना मेरा अधिकार है।
देबनाथ ने आगे बताया कि, थोड़ी दूरी पर जाकर वह दोनों पुलिसकर्मी बाइक से उतर गए और सभी लोगों के सामने उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया। जहां एक पुलिसकर्मी लगातार मुझ पर थप्पड़ बरसा रहा था और गलियां दे रहा था तो वहीं दूसरा उसे प्रोत्साहित कर रहा था। इस बीच मौके पर पुलिस की गाड़ी भी पहुंची लेकिन उसने बीच-बचाव के बदले मुझे ही पकड़ लिया और पुलिस स्टेशन ले गए।
पत्रकार जयंत देबनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि असम की हेमंत बिस्वा सरमा सरकार ने पुलिस वालों को खुली छूट दे रखी है। ऐसे में कानून का उल्लंघन होना तो लाजमी है। देबनाथ ने कहा कि हमलावर ‘गुंडे ज्यादा और पुलिसकर्मी कम’ थे। जब खुद पुलिस वाले कानून का पालन नहीं करते तो समाज में गलत संदेश जाता है, क्योंकि वह कानून से ऊपर नहीं हैं।
वहीं घटना पर चिरांग के एसपी प्रणब बोरा ने कहा कि दोनों कांस्टेबलों को पुलिस रिजर्व में भेज दिया गया है और 20 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा, “मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार हेलमेट नहीं पहनने के लिए उन पर जुर्माना भी लगाया गया है।” इसके अलावा असम के विशेष डीजीपी जीपी सिंह ने कहा कि यह घटना दुखद है और हम पुलिस कर्मियों को पर्याप्त रूप से संवेदनशील व्यवहार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
पत्रकार पर हमले में गुवाहाटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मनोज नाथ ने कहा कि “केवल एक सवाल पूछने के लिए पत्रकार पर इस तरह का हमला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की घटनाएं आम लोगों का प्रशासन और पुलिस पर से भरोसा उठाने का काम करती है। साथ ही अध्यक्ष मनोज नाथ ने मामले में ‘उच्च स्तरीय’ जांच की भी मांग की है।