अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में एक 21 साल की युवती ने दो सेवारत नौकरशाहों पर यौन उत्पीड़न और गैंगरेप का आरोप लगाया है। इनमें से एक 1990 बैच के आईएएस अधिकारी है और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव (चीफ सेक्रेटेरी) थे। जबकि एक श्रम आयुक्त (लेबर ऑफिसर) के रूप में तैनात थे।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने बताया है कि 22 अगस्त को दी गई शिकायत के आधार पर 1 अक्टूबर को पोर्ट ब्लेयर के अबरडीन पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मुताबिक, पुलिस ने उसके आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इस मामले में एसआईटी का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं और युवती को पुलिस सुरक्षा भी दी गई है।

दो ब्यूरोक्रेट पर रेप का आरोप

युवती ने जिन दो अधिकारियों पर रेप का आरोप लगाया है, उनमें से एक का नाम जितेंद्र नारायण है जो कथित घटना के तीन महीने पहले तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव थे। जबकि आरएल ऋषि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में श्रम आयुक्त (लेबर ऑफिसर) के रूप में तैनात थे।

आरोपों पर जवाब देने से अधिकारियों ने किया इनकार

जितेंद्र नारायण वर्तमान में दिल्ली फाइनेंशियल कॉपोरेशन के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। नई दिल्ली में संपर्क किए जाने पर नारायण ने कहा कि वह इन ‘बेतुके’ आरोपों पर जवाब नहीं देना चाहते हैं। उनके करीबी सूत्र ने भी इन आरोपों को खारिज किया है और बताया कि उन्हें ‘डिटेल रीप्रिजेंटेशन’ के लिए प्रधानमंत्री ऑफिस और गृह मंत्रालय भेजा गया था। वहीं जब ऋषि से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वह नदारद मिले। उनके ऑफिस स्टाफ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि वह ‘मेडिकल लीव’ पर गए हैं।

शिकायत में पीड़िता ने बयां की आपबीती

इस घटना में इंडियन एक्सप्रेस ने यह भी पुष्टि की है कि जिस नंबर की गाड़ी से युवती को नारायण के घर ले जाया गया था, वह ऋषि के नाम पर रजिस्टर्ड है। शिकायतकर्ता ने कहा है कि नारायण के घर से सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा कर वहां के कर्मचारियों से पूछताछ की जानी चाहिए। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा एक्सेस की गई शिकायत में महिला ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बताया है। जिनमें उसने पोर्ट ब्लेयर में नारायण के आधिकारिक आवास पर अप्रैल और मई महीनें की रात में दो बार हुए हिंसक यौन हमलों के बारे में अपनी आपबीती बयां की है। जिसमें उसे सरकारी नौकरी देने का वादा किया गया था।

पीड़िता का बयान दर्ज, रडार में रिपोर्टर और पुलिस अधिकारी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर में SIT के साथ-साथ मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा महिला का धारा 164 सीआरपीसी के तहत इकबालिया बयान दर्ज किया गया है; जहां उसने दूसरी शिकायत दर्ज की है। महिला के एक रिश्तेदार ने कहा कि वे “एहतियात” के तौर पर धारा 164 के बयान को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फिर से दर्ज करने की अपील करेंगे।

इस मामले में एक स्थानीय समाचार चैनल के रिपोर्टर की कथित भूमिका भी सामने आने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। रिपोर्टर के साथ एक पुलिस अधिकारी पर भी कथित तौर पर क्रमशः ‘महिला की पहचान का खुलासा’ और मामले को बारे में “खबर लीक” करने का आरोप है। इस मुद्दे को लेकर भी युवती ने एक अलग शिकायत दर्ज कराई है।

पूर्व मुख्य सचिव ने खंडन में किया ऐसा दावा

जितेंद्र नारायण ने कथित तौर पर अपने लिखित खंडन में दावा किया है कि उनपर स्थानीय अधिकारियों के इशारे पर यह आरोप लगाए गए, जिनके खिलाफ उन्होंने मुख्य सचिव रहते हुए कार्रवाई की थी। नारायण ने कहा है कि वह पुलिस के साथ पूरा सहयोग करेगा और मुकदमे का सामना करने को तैयार है। महिला के मुताबिक, नौकरी की तलाश में एक होटल मालिक के जरिए उसकी जान-पहचान श्रम आयुक्त (लेबर ऑफिसर) से कराई गई थी और फिर उसे वह (आयुक्त) उसे मुख्य सचिव के आवास पर ले गया।