पुणे में ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल एमेजॉन के साथ कथित धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने कंपनी के ही एक कर्मचारी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने उनसे 17.13 लाख रुपए की लागत के इलेक्ट्रॉनिक सामान भी बरामद किए हैं। दूसरा आरोपी धनौरी का रहने वाला है। पुणे सिटी पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने यह कार्रवाई की है। आरोपियों की पहचान अचल अमोल मनगावकर और राशिद जुम्मन चौधरी के रूप में हुई है।

ग्राहक एमेजॉन पर ‘कैश ऑन डिलिवरी’ विकल्प के जरिये भी शॉपिंग कर सकते हैं। इसके बाद सामान संतोषजनक न होने पर उसे वापस भी किया जा सकता है। पुलिस के मुताबिक एमेजॉन को पता चला कि ‘कैश ऑन डिलिवरी’ के जरिये प्रोडक्ट बुक किए और एक ही आईडी से उनके लिए रिटर्न का विकल्प चुना गया। लेकिन इस दौरान वास्तव में प्रोडक्ट एमेजॉन को नहीं दिए गए।

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एमेजॉन की लीगल एडवाइजर पूका भोसले ने इस संबंध में अलंकार पुलिस स्टेशन पर आईपीसी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धाराओं 419, 420 और 34 एफआईआर दर्ज कराई। एसीपी निलेश मोरे और सीनियर इंस्पेक्टर राधिका फडके के नेतृत्व में साइबर क्राइम सेल के अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने मुख्य आरोपी की पहचान मनगावकर के रूप में की। पहले मनगावकर को गिरफ्तार किया गया, फिर उसके साथी चौधरी से भी पूछताछ की गई। चौधरी पिछले तीन सालों से एमेजॉन के लिए काम कर रहा था।

शनिवार (8 जून) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीसीपी मितेश गट्टे ने बताया कि दोनों के पास से करीब 17.13 लाख रुपए के इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए। पुलिस ने कहा कि चौधरी एक इंजीनियर होने के नाते उसे कंपनी को रिटर्न मिलने वाले प्रोडक्ट्स को सिस्टम में अपडेट करने की पूरी जानकारी थी। दोनों 20 ईमेल आईडी बनाई और इनसे प्रोडक्ट खरीदे गए। इसके बाद रिटर्न का विकल्प चुना गया लेकिन प्रोडक्ट वापस नहीं किए गए।

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