अफगानिस्तान में तालिबान ने नई सरकार की घोषणा कर दी है। नई मंत्रियों की लिस्ट में कई वॉन्टेड नाम भी शामिल हैं। सिराजुद्दीन हक्कानी, जिसे गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, वो अमेरिका के लिए मोस्ट वॉन्टेड है।

तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी, नए गृह मंत्री होंगे। नए गृहमंत्री अमेरिकी एजेंसी एफबीआई के सबसे वॉन्टेड आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल हैं।

एफबीआई की वेबसाइट के अनुसार सिराजुद्दीन हक्कानी की सीधे सूचना देने वालों के लिए 10 मिलियन अमरीकी डॉलर का इनाम एजेंसी ने रखा है। सिराजुद्दीन के बारे में यह माना जाता था कि वह पाकिस्तान में रहता है। इसका तालिबान और अल कायदा के साथ गहरे संबंध है। एफबीआई की ये सूचना अब सरकार बनने के साथ ही सही साबित हो गई है।

सिराजुद्दीन, काबुल के एक होटल में हुए हमले के लिए वॉन्टेड है। इस हमले में एक अमेरिकी नागरिक सहित छह लोग मारे गए थे। उसने अफगानिस्तान में अमेरिका और गठबंधन सेना के खिलाफ सीमा पार हमलों में भाग लिया था।

एफबीआई के अनुसार हक्कानी 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की योजना में भी शामिल था। इसका वॉन्टेड का पोस्टर आज भी एफबीआई की वेबसाइट पर मौजूद है। हक्कानी नेटवर्क अल कायदा के साथ गहरा संबंध रखता है और कई आत्मघाती हमलों में शामिल रहा है।

बता दें कि तालिबान ने मुल्ला हसन अखुंद को अफगानिस्तान का नया पीएम घोषित किया है। इस सरकार में दो डिप्टी पीएम बनाए गए हैं। मुल्ला बरादर और अब्दुल सलाम हनाफी ये जिम्मेदारी संभालेंगे। खुद मुल्ला हसन अखुंद का नाम यूएन की टेरर लिस्ट में शामिल है। 2010 में उन्हें बंदी भी बनाया गया था।

मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है। अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा सरकार में क्या भूमिका निभाएंगे। तालिबान के कब्जे के बाद से उन्हें सार्वजनिक रूप से देखा या सुना नहीं गया है। सरकार के नए प्रमुख अखुंद 20 साल से अखुनजादा के करीबी हैं।

तालिबान ने नई सरकार का गठन ईरान की तर्ज पर किया है। इस सरकार में 33 मंत्री शामिल हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख के दौरे के बाद सरकार का स्वरूप बदला और हक्कानी को सरकार में गृहमंत्री बनाया गया।

तालिबान ने बार-बार अफगानों और विश्व को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि वे दो दशक पहले का तालिबान नहीं है। जो क्रूर दंड और सार्वजनिक जीवन से महिलाओं और लड़कियों को प्रतिबंधित करने के लिए जाना जाता था। हालांकि तालिबान का वादा पिछले कई दिनों से खोखला साबित हो रहा है। शांति के दावों के बीच कई लोगों की तालिबान हत्या कर चुका है।