Saif Ali Khan Attacker: बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के घर में घुसकर लूटपाट की कोशिश करने और इस दौरान उन्हें चाकू मारने के आरोपी बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल फकीर ने बताया कि अत्यधिक गरीबी से दुखी और परेशान होकर उसने अपराध का रास्ता पकड़ लिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि दिसंबर में हाउसकीपिंग की नौकरी छूटने के बाद उसने अपनी बीमार मां के इलाज के लिए पैसे जुटाने के लिए अभिनेता के घर को चुना।

पिछले गुरुवार को बांद्रा स्थित अपने घर में शरीफुल द्वारा छह बार चाकू मारे जाने के बाद अभिनेता सैफ अली खान को मंगलवार को लीलावती अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। 54 वर्षीय अभिनेता की इमरजेंसी सर्जरी की गई, जिसमें उनकी रीढ़ में फंसे लगभग 3 इंच के चाकू की नोक को निकालना भी शामिल है।

आरोपी ने घबराहट में सैफ को चाकू मार दिया

सैफ के घर लौटने से कुछ घंटे पहले, पुलिस ने आरोपी शरीफुल फकीर को अभिनेता के घर क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए ले गई। रिक्रिएशन के दौरान, शरीफुल ने खुलासा किया कि वो बाथरूम की लाइट जलती देखकर खुली खिड़की से 11वीं मंजिल के फ्लैट में घुसा था। उसने दावा किया कि उसका किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन जब अभिनेता ने उसे पकड़ लिया तो उसने घबराहट में चाकू मार दिया।

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आरोपी शरीफुल फकीर को लेकर बांद्रा पुलिस ने मंगलवार को सुबह 5:30 से 6:30 बजे के बीच बांद्रा (पश्चिम) में अभिनेता के रेसिडेंसियल फ्लैट, सतगुरु शरण में सैफ अली खान पर हुए हमले की फिर से जांच की। पुलिस ने कहा कि शरीफुल ने पिछले गुरुवार (16 जनवरी) को रात 1:30 से 2:30 बजे के बीच अपने कारनामों को फिर से दोहराया, जिससे उन्हें अपराध की ओर ले जाने वाली घटनाओं के घटनाक्रम की जानकारी मिली।

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एक्टिंग के दौरान शरीफुल फकीर ने पुलिस को बताया कि उसने स्टाफ नर्स एलियाम्मा फिलिप से 1 करोड़ रुपये मांगे थे। पुलिस ने कहा कि उसकी नासमझी तब स्पष्ट हो गई जब उसने कहा कि उसे लगता है कि ये राशि “नोटों के दो या तीन बंडलों” में ही हो सकती है।

पुलिस ने कहा कि शरीफुल ने दावा किया कि उसका किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था और वो केवल पैसे मांग रहा था। पैसों के लिए ही वो घर में घुसा था। पुलिस ने कहा, “जब उसे अचानक सैफ को पकड़ लिया तो वो घबरा गया, जिसके कारण उसने चाकू घोंप दिया।”

गौरतलब है कि पुलिस ने आरोपी के खिलाफ BNS की धारा 109 हत्या की कोशिश, धारा 311 लूट या डकैती, 312 घातक हथियार से लूट या डकैती, 331(4), 331(6), 331(7) ट्रेस्पासिंग के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने FIR में सैफ के छोटे बेटे जेह की नैनी को शिकायतकर्ता बनाया है।

BNS की धारा 109 के तहत क्या सजा मिलती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 तब लगती है जब कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति की जानबूझकर जान लेने की कोशिश करता है, लेकिन वो अपने इरादे में सफल नहीं होता।

ये धारा तब लगती है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर चाकू, बंदूक, या किसी अन्य खतरनाक हथियार (Dangerous Weapon) द्वारा हमला करता है, खाने पीने की वस्तु में जहर देता है, जानबूझकर किसी व्यक्ति की जान लेने के लिए उसे पानी में डुबाने की कोशिश करता है, गला घोंटने का प्रयास करना, किसी को ऊंचाई से धक्का देकर या चलती गाड़ी के सामने धक्का देकर मारने का प्रयास करना, किसी को गंभीर रूप से घायल करने का प्रयास करना, जिससे उसकी मृत्यु हो सकती है, जान से मारने की धमकी देकर और उसे अंजाम देने का प्रयास करना, किसी को मारने के लिए दूसरों को उकसाना या प्रेरित करना या किसी को मारने के लिए हथियार या अन्य उपकरण उपलब्ध कराता है।

अधिक से अधिक उम्र कैद की मिल सकती है सजा

इस धारा के तहत दर्ज मामले में आरोपी को अधिक से अधिक उम्र कैद की सजा और कम से कम 10 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इस धारा के तहत सजा तीन तरह से निर्धारित किए जाते हैं। 1. जब हत्या के प्रयास के किए गए हमले में सामने वाले व्यक्ति को कोई चोट (Injury) नहीं लगती। तो दोषी व्यक्ति को 10 वर्ष तक की कारावास (Imprisonment) व जुर्माने (Fine) से दंडित किया जा सकता है। 2. अगर हमले के दौरान पीड़ित व्यक्ति को चोट या गंभीर चोट लग जाती है। तो ऐसे अपराध के दोषी (Guilty) पाये जाने वाले व्यक्ति आजीवन कारावास (Life Imprisonment) तक की सजा व जुर्माने से दंडित (Punished) किया जा सकता है। 3. हालांकि, हमला अगर किसी ऐसे शख्स ने की हो जो पहले से उम्रकैद का सजायाफ्ता हो तो ऐसे व्यक्ति को उसकी बाकी बची पूरी जिंदगी के लिए कारावास की सजा या मृत्युदंड से दंडित किया जा सकता है।

धारा 311 के तहत सजा मिल सकती है?

BNS की ये धारा लूटपाट से संबंधित है। यदि लूट या डकैती करते समय अपराधी किसी घातक हथियार का उपयोग करता है, या किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है, या किसी व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास करता है, तो ऐसे अपराधी को कारावास की सजा दी जाएगी। ये सजा सात वर्ष से कम न हो इसकी तस्दीक की जाती है।

वहीं, बीएनएस की धारा 312 ये बताती है कि यदि लूट या डकैती करने का प्रयास करते समय अपराधी किसी घातक हथियार से लैस है, तो ऐसे अपराधी को कम से कम सात वर्ष की सजा दी जाएगी।

बीएनएस की धारा 331 के तहत क्या सजा मिल सकती है?

भारतीय न्याय संहिता की धारा 331 उन अपराधों से संबंधित है, जहां कोई व्यक्ति बिना अनुमति (Permission) किसी घर या इमारत में जबरदस्ती घुसता है या तोड़फोड़ करता है। यह धारा उन व्यक्तियों के लिए लागू होती है जो किसी की निजी संपत्ति (Private property) में अवैध तरीके से प्रवेश (Illegal Entry) करते हैं या जानबूझकर उसे नुकसान पहुंचाते हैं।

इस धारा को कई सेक्शन में बांटा गया है। सैफ के मामले में इस धारा के सेक्शन 331(4), 331(6), 331(7) के तहत मामला दर्ज किया गया है। सेक्शन 331(4) तब लगता है जब कोई व्यक्ति रात के समय किसी अपराध को अंजाम देने के इरादे से चोरी-छिपे किसी घर में घुसता है या सेंधमारी करता है। उसे इस अपराध के लिए इस उपधारा के तहत सख्त सजा मिलेगी। सेक्शन 331(6) तब लगता है जब कोई व्यक्ति रात के समय किसी अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचाने, उस पर हमला करने, उसे अवैध रूप से रोकने, के डर में डालने के इरादे से चोरी-छिपे किसी के घर में घुसेगा या तोड़फोड़ करेगा। सेक्शन 331(7) तब लगता है जब कोई व्यक्ति गुप्त रूप से किसी के घर में घुसते समय या सेंधमारी करते समय किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुंचाता है, या उसकी हत्या करने की कोशिश करता है। इस धारा के तहत कम से कम जुर्माना और अधिक से अधिक उम्र कैद की सजा का प्रावधान है।

गौरतलब है कि अभिनेता सैफ अली खान पर 15-16 जमवरी की दरमियानी रात उन्ही के घर में घुसकर एक लुटेरे ने हमला कर दिया था। लूटपाट की नीयत से घर में घुसे हमलावर ने अभिनेता पर धारदार हथियार के कई बार वार किया, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गएष। परिजनों और स्टाफ मेंबर की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सर्जरी के बाद वो अब खतरे से बाहर हैं।