अक्सर कहा जाता है कि कोई भी अपराध पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता और आरोपी कोई न कोई सुराग जरूर छोड़ देता है। एक बार फिर यह बात सही साबित हुई है। पत्नी की हत्या कर कई सालों से फरार चल रहा एक आरोपी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया। हैरानी की बात यह है कि आरोपी की गिरफ्तारी उसकी एक पुरानी आदत की वजह से संभव हो पाई। उसे रोज सुबह चाय के साथ बिस्किट खाने का शौक था, और यही आदत उसे जेल तक ले आई।

यह मामला गुजरात के सूरत का है। एक इंजीनियरिंग कंपनी में काम करने वाला सुरेंद्र सूरत के सचिन इलाके में किराए के मकान में रहता था। पत्नी के साथ उसका अक्सर झगड़ा होता रहता था। इसी तनाव के बीच साल 2007 में सुरेंद्र ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ मजबूत सबूत मिलने के बाद अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरेंद्र कई साल तक जेल में रहा, लेकिन 2016 में उसने पैरोल के लिए आवेदन किया। उसे 28 दिनों की पैरोल मिल गई, लेकिन जैसे ही वह जेल से बाहर आया, फरार हो गया। इसके बाद सचिन पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया।

सुरेंद्र के एक रिश्तेदार रविंद्र कुमार ने पुलिस को बताया कि परिवार के पास उत्तर प्रदेश में कुछ जमीन थी, लेकिन उससे ज्यादा आमदनी नहीं हो पाती थी। सुरेंद्र ज्यादा पढ़ा-लिखा भी नहीं था, इसलिए वह अपने गांव बेवड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर कारवी इलाके में रिक्शा चलाने लगा। रिश्तेदार ने यह भी बताया कि 2005 में सुरेंद्र ने अपनी ही जाति की लड़की से शादी की थी। बाद में वह पत्नी के साथ सूरत चला गया, जहां वह किराए का रिक्शा चलाने लगा।

रविंद्र के मुताबिक, सुरेंद्र अपनी पत्नी पर दहेज लाने का दबाव बनाता था और उसी पैसे से रिक्शा खरीदना चाहता था। इसी बीच 2007 में यह खबर फैल गई कि सुरेंद्र ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी है।

फरार आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया। बीबीसी से बातचीत में एसीपी गोहिल ने बताया कि सबसे पहले सुरेंद्र के गांव से जानकारी जुटाई गई। पुलिस की एक टीम उसके पैतृक गांव भी भेजी गई। पुलिस को शक था कि सुरेंद्र अपने रिश्तेदारों से कभी न कभी संपर्क जरूर करेगा। पैरोल पर बाहर आने के बाद उसने अपने माता-पिता से संपर्क तोड़ लिया था, लेकिन दूसरे रिश्तेदारों से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि वह हाल के वर्षों में कारवी इलाके में रिक्शा चला रहा था।

जब पुलिस ने अन्य रिक्शा चालकों को सुरेंद्र की तस्वीर दिखाई, तो एक चालक ने उसे पहचान लिया। उसने बताया कि सुरेंद्र ने दूसरी शादी कर ली है और उसका एक बच्चा भी है। पुलिस को यह भी पता चला कि करीब छह महीने पहले सुरेंद्र शंकरपुर गांव में एक पारिवारिक शादी में शामिल होने आया था।

जांच का दायरा बढ़ने पर पुलिस दूसरी पत्नी के भाई तक पहुंची। पूछताछ में सामने आया कि सुरेंद्र फिलहाल गुरुग्राम में मजदूर के तौर पर काम कर रहा है। पुलिस के पास उसकी दिनचर्या और दूसरी पत्नी से जुड़ी कई जानकारियां इकट्ठा हो चुकी थीं। इसी दौरान उसकी एक आदत पुलिस के लिए अहम सुराग बन गई-उसे रोज सुबह चाय के साथ बिस्किट खाने की आदत थी।

इसके बाद पुलिस की एक टीम सादा कपड़ों में गुरुग्राम पहुंची और कई दिनों तक उसके घर के आसपास निगरानी करती रही। 14 नवंबर को सुरेंद्र अपनी दूसरी पत्नी के बेटे के साथ बिस्किट खरीदने के लिए दुकान पर गया। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया और सालों बाद यह फरार आरोपी कानून के शिकंजे में आ गया।

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