Sunita Krishnan in KBC: 8 लोगों ने गैंगरेप किया और पीट-पीट कर कान डैमेज कर दिया।’ यह बात जब टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के मंच पर अमिताभ बच्चन के सामने पीड़िता ने सुनाई तो बिग बी स्तब्ध रह गए। सवाल-जवाब के इस शो में यूं तो हर साल कई तरह के गेस्ट आते हैं लेकिन इस बार हॉट सीट पर आए मेहमान की कहानी भयानक, भावुकता और साहस सबसे भरी हुई थी। इस शो में सुनीता को बिग बी कर्मवीर कह कर संबोधित कर रहे हैं। लेकिन एक रेप पीड़िता के कर्मवीर बनने का सफर इतना आसान भी नहीं रहा।
8 साल की उम्र में बनीं डांस टीचर: वर्ष 1972 में जन्मीं सुनीता कृष्णनन को बचपन से ही अपने घर के पास स्थित एक गांव में रहने वाले गरीब बच्चों की सेवा करने का शौक था। जब वे 8 साल की थीं, तब उन्होंने मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को डांस सिखाना शुरू कर दिया था। 12 साल की उम्र में वे वंचित बच्चों के लिए झुग्गियों में स्कूल चलाती थीं। 15 साल की उम्र में जब सुनीता दलित वर्ग के लोगों के लिए कम्यूनिटी नव साक्षरता अभियान चला रही थीं। एक दिन गांव में वो बच्चों को पढ़ाने के लिए सारे इंतजाम कर रही थीं तब उस वक्त 8 लोगों के एक गैंग को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने कहा कि यहां ‘पुरुष प्रधानता’ है। इसके बाद इन सभी ने मिलकर सुनीता के साथ गैंगरेप किया।
समाज सेविका बनने के लिए कॉलेज गईं: सुनीता की बुरी तरह पिटाई की गई जिससे उनका एक कान खराब हो गया। इस भयानक घटना के बाद सुनीता की जिंदगी दहशत और दर्द से भर गई। लेकिन मुश्किल वक्त में सुनीता ने हार नहीं मानी बल्कि एक संस्था बनाई जो महिलाओं और लड़कियों की तस्करी के खिलाफ आवाज बुलंद करती थी और ऐसी पीड़िताओं को शेल्टर भी मुहैया करता थी। 4 फुट 5 इंच की इस लड़की ने उस वक्त जो ठानी आज यह एक मिसाल है। उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया ताकि समाज सेविका बन सकें। उन्होंने St. Joseph’s College, Mangalore University से पढ़ाई की।
मर्डर से बड़ा है प्रताड़ना और खौफ: KBC में आने से पहले भी सुनीता ने अपने साथ हुई घटना के बारे में एक इंटरव्यू में खुलकर बातचीत की थी। उस वक्त सुनीता ने कहा था कि ‘जिस तरह से समाज में मेरे साथ भेदभाव हुआ और जिस तरह से लोगों ने मुझे देखा मुझे इसका दुखा है। किसी ने नहीं पूछा कि उन लोगों ने ऐसा क्यों किया…? वो लोग मुझसे सवाल करते थे कि मैं वहां क्यों गई…मेरे माता-पिता ने मुझे आजादी क्यों दी…? मुझे एहसास हुआ कि मेरे साथ ऐसा एक बार हुआ लेकिन कई सारे ऐसे लोग हैं जिनके साथ यह हर रोज होता है।’
सुनीता ने इंटरव्यू में यह भी कहा था कि ‘मेरे मुताबिक मानसिक प्रताड़ना और खौफ हत्या से कहीं ज्यादा भयानक है। कोई नहीं समझ सकता की जो महिला बलात्कार से गुजरती है उसे कैसा दर्द और डर सताता है। जरा सोचिए जिंदगी का एक-एक पल खौफ, दर्द और अकेलेपन के साथ गुजारना कितना कठिन है…यह हर सेकेंड एक मर्डर की तरह है।’
आरोपियों का चेहरा ब्लर करो: सुनीता ने तय किया कि रेपिस्टों को सजा मिलनी चाहिए। उनकी इसी हिम्मत ने उन्हें संघर्ष करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा था कि ‘समाज आपको तुच्छ समझने पर मजबूर करती है। मैं एक पीड़ित की तरह महसूस करना पसंद नहीं करती। मैं पीड़िता नहीं हूं बल्कि फाइटर हूं। मैं इसके बारे में गर्व से बात करती हूं और मैं आज जो कुछ भी हूं उसपर मुझे गर्व है। मैंने कोई गलती नहीं की है…मैं नहीं चाहती कि मेरा चेहरा ब्लर किया जाए। मुझे इसके लिए शर्म नहीं आनी चाहिए…जिन लड़कों ने यह सब किया उनके चेहरे को छिपाना चाहिए और उनके चेहरे को ब्लर किया जाना चाहिए।’
1996 में शुरू की संस्था: सुनीता ने प्रज्ज्वला नाम की एक संस्था अपने भाई जोश वेटिकाटिल के साथ साल 1996 में शुरू की। उन्होंने हैदराबाद में वेश्यावृत्ति में संलिप्त महिलाओं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने के लिए अपने भाई को राजी भी किया। सुनीता का नाम कर्मवीर यूं ही नहीं पड़ा। उन्होंने अपने बेमिसाल प्रयासों से 22 हजार से ज्यादा महिलाओं और लड़कियों को यौन तस्करी से आजाद किया है।
एसिड अटैक हुआ: ‘केबीसी’ के प्रोमो में सुनीता ने बताया कि उनके काम के चलते अब तक उन पर 17 बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। हालांकि, वे मरने से नहीं डरतीं। वे कहती हैं कि ‘जब तक मेरी सांस है..तब तक दूसरी लड़कियां जो इस तरह से पीड़ित वेश्यालयों में हैं, उनके लिए मैं अपनी जिंदगी को कमिट करूंगी।’ उनपर ऑटो रिक्शा में हमला किया गया, एसिड फेंका गया, जहर खिलाने की कोशिश की गई, भीड़ ने हमला किया, तलवार से भी हमला किया गया। कई बार हमला होने के बावजूद सुनीता हमेशा बाल-बाल बच गईं।
फिल्में बनाई और किताबें लिखी: साल 2016 में देश का चौथा सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित की जा चुकी सुनीता ने बताया कि उन्होंने एक वेश्यालय से 3 साल की बच्ची को मुक्त कराया था जिसे मजबूरन इस गंदे काम में ढकेला गया था। सुनीता को मदर टेरेसा अवार्ड भी दिया गया है। सुनीता के पति का नाम Rajesh Touchriver है। सुनीता कृष्णनन ने एचआईवी, वेश्यावृति, तस्करी समेत अन्य गंभीर सामाजिक विषयों पर आधारित 14 डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाई।
इनमें Mein Aur Meri Sanchaien, Needalu: An Insider’s view into the World’s Largest Criminal Enterprise, The Man, His Mission, Aparajita, Naa Bangaru Talli जैसी बेहतरीन फिल्में शामिल हैं। यह फिल्में हिंदी और तेलुगु भाषा में बनीं हैं और उनकी कई फिल्मों को अवार्ड भी मिला है। फिल्मों के अलावा समाज की दुर्दशा को सुनीता और उनके भाई ने कलम से भी उकेरा। इनकी अहम किताबों में Caregiver’s Manual on Sex Trafficking: A guide to creating a healing space to restore dignity for victims, From Despair to Hope: A Handbook for HIV/AIDS Counselors शामिल हैं। (और…CRIME NEWS)

