उत्तर प्रदेश के चंदौली में 17 साल के युवक को जिंदा जलाने के मामले में युवक के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब खालिद ने ‘जय श्री राम’ बोलने से इनकार कर दिया तब कुछ लोगों ने उसे जिंदा जला दिया। हालांकि इधर इस मामले पर चंदौली के एसपी ने कहा है कि खालिद ने अभी तक कई बार अपने बयान बदले हैं और जांच में उसके बयान गलत पाए गए हैं। पुलिस के मुताबिक एक प्रत्यक्षदर्शी ने उसे खुद आग लगाते हुए भी देखा है। 45 प्रतिशत झुलस चुके खालिद को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक उसने अलग-अलग बयान दिए हैं इसलिए इस मामले को लेकर संदेह पैदा हो रहा है। पुलिस का कहना है कि खालिद ने अपने बयान में जिन जगहों का जिक्र किया है वहां के सीटीटीवी कैमरे की फुटेज में वो कहीं भी नजर नहीं आया है।
क्या है पूरा मामला? जानकारी के मुताबिक बीते रविवार (28 जुलाई, 2019) की रात कुछ लोगों ने कथित तौर से 17 साल के खालिद को ‘जय श्री राम’ नहीं बोलने पर जिंदा आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद युवक को वाराणसी स्थित कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। उस वक्त अस्पताल में युवक ने अपने बयान में कहा था कि ‘जय श्री राम’ नहीं बोलने पर उसकी यह हालत की गई है। युवक ने उस वक्त कहा था कि ‘मैं दुधारी पुल पर टहल रहा था तब ही चार लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया। इनमें से 2 लोगों ने मेरे हाथ बांध दिए और तीसरे शख्स ने मेरे ऊपर केरोसिन डाल दिया। इसके बाद इन चारों ने मिलकर मुझे आग में झोंक दिया और वहां से फरार हो गए।’
हालांकि युवक के इस बयान के इतर चंदौली पुलिस इस पूरे मामले को संदिग्ध मानकर जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि पीड़ित ने जिस सुनील नाम के कथित आरोपी का नाम लिया है उसके पिता ने पीड़ित के कुछ रिश्तेदारों के खिलाफ साल 2016 में मुकदमा भी दर्ज करवाया था। पुलिस का यह भी मानना है कि हो सकता है कि मजार के पास किसी तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंसकर इस शख्स ने खुद को आग लगा लिया हो। बहरहाल बता दें कि आग में झुलसे शख्स का इलाज BHU के ट्रॉमा सेंटर में किया जा रहा है और पुलिस अब इस मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है। (और…CRIME NEWS)

