संयुक्त राष्ट्र ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि दूसरी लहर में भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को गहरा झटका लगा है। संयुक्तराष्ट्र ने खासतौर पर टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए कहा कि टीके की भारी मांग को पूरा करने के लिए भारत में कोरोना टीकों की पहुंच असमान और अपर्याप्त है। जाहिर तौर पर इसका असर कोरोना संकट से उबरने की रफ्तार पर पड़ेगा। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट ‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं’ में कोविड-19 की मार से झेल रहे भारत की स्थिति पर प्रकाश डाला है। इसमें आगाह किया गया है कि महामारी की दूसरी लहर ने भारत के बड़े हिस्से में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है। टीका लेने वालों की पात्रता का आधार बढ़ाया गया है और देश में टीके की आपूर्ति बढ़ाने की हर संभव कोशिश की जा रही है लेकिन भारी मांग को पूरा करने के लिए टीकों की पहुंच असमान और अपर्याप्त है। लिहाजा भारत के विकास दर की संभावना इस साल काफी नाजुक है।
भारत की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र की चिंता
संयुक्त राष्ट्र ने खासतौर पर टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए कहा कि टीके की भारी मांग को पूरा करने के लिए भारत में कोरोना टीकों की पहुंच असमान और अपर्याप्त है।
Written by जनसत्ता
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First published on: 17-05-2021 at 00:14 IST