एक तरफ हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं और दूसरी तरफ अंधविश्वासों में गले तक डूबे रहते हैं। हमारा धर्म भक्ति करना सिखाता है न कि अंधभक्ति। राधे मां और आसाराम बापू जैसे लोग हमारे दिमाग पर इतना काबू कैसे कर पाते हैं मैं अभी तक नहीं समझ पाया।
जब हम आंखें बंद करके किसी पर इतना विश्वास करते हैं तो सब कुछ सामने होने के बावजूद उसे सच नहीं मानते। आखिर कब तक ऐसे लोग हमारे दिलो-दिमाग पर हुकूमत करेंगे? पुराने समय में भी हम हुकूमत के गुलाम थे और आज भी हम गुलाम ही हैं। बस अंग्रेज चले गए, अपनी राजनीति छोड़ गए कि यदि लोगों पर हुकूमत करनी है तो सबसे पहले उनके दिमाग पर काबू करो!
जब तक लोगों की सोच आजाद नहीं होगी भारत आजाद नहीं होगा। हमारे देश के चहेते बड़े-बड़े नेता और अन्य गणमान्य लोग इन पाखंडियों की जी हुजूरी करते हैं। कोई किसी आतंकवादी की पैरवी करता है, तो कोई ढोंगी धर्मगुरुओं की। कौन कहता है भारत आजाद है?
प्रशांत मिश्र, भोपाल
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