राजनीति की ज्यादा समझ नहीं रखने वाला व्यक्ति भी अब संसद की कार्यवाही में हो रहे अवरोध पर नाराजगी व्यक्त कर रहा है। इस अवरोध का सबसे ज्यादा प्रभाव आम लोगों पर ही पड़ता है क्योंकि उनके हित से जुड़ी चर्चाएं नहीं हो पातीं।
संसद की कार्यवाही का खर्च परोक्ष रूप से देश की जनता वहन करती है तो जनप्रतिनिधियों को संसद में अवरोध के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। लोकतंत्र को शर्मसार करने की तमाम कोशिशों पर सख्ती से विराम लगाया जाना जरूरी है।
प्रकाश कुमार मिश्रा, जामिआ, दिल्ली
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