पाकिस्तान की ओर से लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन भारत के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। पाकिस्तान ने पिछले दिनों चौदह बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है। उफा के शंघाई सम्मेलन में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच आतंकवाद के मुद्दे पर बातचीत हुए थी और पाकिस्तान ने आश्वासन भी दिया था कि वह भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रश्रय नहीं देगा। लेकिन अगले ही दिन वह अपने वादे से मुकर गया और भारत की सीमा पर गोलाबारी कर दी।

‘जुबान पर अमन और इंसानियत की बात और पीठ पीछे लगातार घात’ वाला पाकिस्तान का रवैया कोई नया नहीं है। उसकी इस कुटिलता की बहुत बड़ी कीमत सीमा पर तैनात हमारे जवान और सीमावर्ती गांवों के बेकसूर नागरिक आजादी के बाद से ही लगातार चुकाते चले आ रहे हैं।

दोनों मुल्कों के बीच बातचीत में यह मुद्दा अनेक बार उठा है मगर नतीजा ढाक के तीन पात रहा है। इन सब परिस्थितियों के मद््देनजर भारत को एक बार फिर गहन चिंतन करना चाहिए और जैसे को तैसा के अंदाज में सबक सिखाना चाहिए। सरकार और विपक्ष दोनों को विदेश नीति और आतंकवाद के मुद्दों पर एकजुटता दिखानी चाहिए।

सुप्रिया सिंह, भोपाल

 

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