देश में हुए अनेक अध्ययनों में ये तथ्य सामने आ चुके हैं कि ज्यादा से ज्यादा फसलें उगाने के लिए खेती में उर्वरकों पर निर्भरता ने भूमि में एक तरह से जहर घोल दिया और उर्वरा-शक्ति को बेहद कमजोर कर दिया है। लेकिन इस पर नियंत्रण या वैकल्पिक उपाय अपनाने के बजाय ज्यादा उपज के लिए आज भी रासायनिक खादों का अंधाधुंध इस्तेमाल जारी है।
नतीजतन, खेत दिनोंदिन और बीमार होते जा रहे हैं और इसका सीधा असर फसलों की उपज और लोगों की सेहत पर पड़ना तय है।
इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वस्थ धरा तो खेत हरा’ का नारा दिया है और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की है।
इसके तहत देश के चौदह करोड़ किसानों को यह कार्ड दिया जाएगा। इसके दायरे में आने वाले किसानों की सिंचित और असिंचित भूमि से मिट्टी के नमूने लेकर प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजा जाएंगे। उम्मीद है कि इस योजना केअपेक्षित नतीजे जल्द ही दिखने लगेंगे।
रमेश सांगवान, रोहतक
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