जल ही जीवन है। बिना जल के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन अफसोस की बात है कि कुदरत की इस अनमोल नेमत को सहेजने और किफायत से ुुबरतने के मामले में हम निहायत लापरवाह साबित हुए हैं। आज भूमिगत जल निरंतर नीचे जा रहा है जो गंभीर चिंता का विषय है। इसके चलते भविष्य में विश्व के अधिकतर देशों को जल संकट की विकट समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि कैलिफोर्निया के पास कुछ ही वर्षों का जल भंडार शेष है। मानव जाति तेजी के साथ विकास की ओर अग्रसर तो है पर उससे लगातार प्राकृतिक धरोहरें छिनती जा रही हैं। जल सहित अन्य प्राकृतिक धरोहरों का दुरुपयोग, उन्हें दूषित करना और गैर प्राकृतिक ढंग से दोहन इसके प्रमुख कारण हैं। आखिर कब तक हम अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मारते रहेंगे?
सलिम मियां, एएमयू, अलीगढ़
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