चंडीगढ़ के श्रमिक ब्यूरो के अनुसार पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या एक करोड़ बारह लाख है। अपंजीकृत बेरोजगारों की संख्या इससे बहुत अधिक, दस गुना से भी ज्यादा है। एक तरफ मोदी सरकार की कौशल विकास की नौटंकी है तो दूसरी तरफ खेती की सुध नहीं।
घाटे की खेती और खुदकुशी करते किसानों की समस्या का निवारण करने के बदले विकास के नाम पर किसान की जमीन छीन कर उसकी आजीविका का नया संकट खड़ा करके विनाश का इंतजाम किया जा रहा है।
खेती की सूरत सुधारने के बदले उसे किसान से हथियाने पर जोर है। विकास के तमाम हल्ले के बाद भी उत्पादन घटने, रोजगार न मिलने और निर्यात में कमी के आंकड़े हमारे सामने हैं। देश की सूरत मोदी के जुमलों से नहीं, जनता के कर्मशील हाथों से बदलेगी।
रामचंद्र शर्मा, तरुछाया नगर, जयपुर
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