इन दिनों इतिहास को लेकर अकसर विवाद हो रहे हैं। कोई विभाजन के लिए नेहरू को जिम्मेदार ठहराता है तो कोई बाबर, राणा सांगा और टीपू सुलतान को भारत विरोधी सिद्ध करने में जुटा हुआ है। कोई भी नहीं सोच रहा कि यह सिद्ध करने से भारत को क्या लाभ होगा? कोई भी व्यक्ति परिपूर्ण नहीं होता है। क्या हम इतिहास में किसी को दोषी सिद्ध कर वर्तमान में कोई परिवर्तन कर सकते हैं? सभी विषयों का अपना विशेष उद्देश्य होता है। इतिहास पढ़ने का उद्देश्य है कि हम पुरानी गलतियों से बचें, उससे अच्छी बातें सीखें। भारत में अंग्रेजों के आगमन से ही इतिहास पर प्रश्नचिह्न लगने लगे थे और इसकी शुरुआत जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास का विभाजन हिंदूकाल, मुसलिम काल और ब्रिटिश काल में करके की थी। अंग्रेज जो सांप्रदायिकता फैलाकर गए, उससे मुक्ति तो मिली नहीं लेकिन देश को अवनति के मार्ग पर लाने का एक नया रास्ता हम खोज रहे हैं। हम कब तक अंग्रेजों की मानसिकता के जाल में फंसे रहेंगे? हमें इतिहास को उदासीन होकर पढ़ने की आवश्यकता है। इतिहास की घटनाओं को अपने धर्म से जोड़ कर न देखें क्योंकि राजा का धर्म हिंदू या मुसलिम नहीं, केवल राजधर्म होता है।
’गंगाधर तिवारी, लखनऊ

लोकतंत्र के विरुद्ध
मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रक्रिया व कार्य संचालन के नियमों में किया गया संशोधन संविधान की मूल भावना के विरुद्ध व लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने वाला है। इसके तहत विचाराधीन मुद्दों पर कोई भी विधायक जन समस्याओं से जुड़े प्रश्न नहीं उठा सकता और सांप्रदायिक व संवेदनशील मामलों पर भी कोई सवाल-जवाब नहीं कर सकता। इस तरह के कानून बना कर सरकारें जनता की जवाबदेही से बच नहीं सकती हैं। ऐसे कानून पहले भी महाराष्ट्र और राजस्थान में बनाए जा चुके हैं जिन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास रखने वाले मीडिया, विधायकों व जनता के विरोध के चलते सरकारों ने वापस ले लिया। सरकारों को ऐसे कानूनों का परिणाम भी उपचुनावों में भुगतना पड़ा है। बहुमत की सरकार बनने का मतलब यह तो नहीं कि लोकतंत्र का गला घोंटते हुए जनता के मौलिक अधिकारों पर हमले किए जाएं। ऐसी सरकारें सत्ता के घमंड में अधिनायकवादी व्यवस्था की ओर बढ़ रही हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो देश की जागरूक जनता आने वाले समय में सबक सिखा देगी। सरकार यदि संविधान व लोकतांत्रिक व्यवस्था में थोड़ा-बहुत विश्वास करती है तो इस जनविरोधी कानून को रद्द कर दे।
’हरेंद्र सिंह कीलका, सीकर