भाजपा के एक सांसद साइकिल से संसद पहुंचे। क्या वे हमेशा संसद जाने के लिए साइकिल का प्रयोग करेंगे? क्या यह पूर्व की तरह नाटक मात्र होगा? यदि वे गंभीर रहे होते तो चुपचाप संसद पहुंच जाते। साइकिल पर आगे-पीछे पट््टी लगाना और मीडिया को बुलाना नौटंकी का ही एक भाग है, जैसे दिल्ली विधानसभा के एक विधायक का आॅटोरिक्शा से विधानसभा जाना। पूर्व में इंदिरा गांधी बग्गी से और अटल बिहारी वाजपेयी भैंसागाड़ी से संसद जाने का नाटक कर चुके हैं।

दिखावा करना लगता है जैसे राजनीति का एक अंग ही बन गया है। पिछले दिनों सफाई अभियान के नाम पर सबने झाड़ू पकड़ कर फोटो सत्र करा लिया और गंदगी वहीं की वहीं रही।
यश वीर आर्य, दिल्ली

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