भौतिकवादी संस्कृति और अश्लीलता को प्रोत्साहित कर चुके पश्चिमी देश ‘पोर्न’ वेबसाइटों के दुष्परिणाम रोज नए रूप में भुगतते चले जा रहे हैं।
अब जबकि भारत जनसंख्या के वर्गीकरण के आधार पर विश्व का सबसे युवा देश साबित हो चुका है, ऐसी स्थिति में अश्लील वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटा कर युवा और युवा होती जनता की मानसिक खुराक में सरकार क्यों विषैली, सड़ी-गली ‘डिश’ परोस रही है?
अंबरीष भावसार, झाबुआ
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