सरकार पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ा कर 50 फीसद करने के लिए संसद के बजट सत्र में संशोधनों पर जोर देगी। सरकार साथ ही महिला उम्मीदवारों के लिए वार्ड में आरक्षण वर्तमान के एक कार्यकाल से दो कार्यकाल करने पर विचार कर रही है। संसद का बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो रहा है।

‘पीईएसए अधिनियम का कार्यान्वयन : मुद्दे और आगे की दिशा’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार 23 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में संशोधनों पर जोर दे सकती है। इस समय पंचायत चुनावों में वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए पांच साल के लिए आरक्षित होते हैं। हम इसे बढ़ाकर दो कार्यकाल करने की योजना बना रहे हैं ताकि महिला उम्मीदवारों को सार्वजनिक कार्यों के लिए उत्साहित किया जाए और उनके नेतृत्व को भी मजबूत किया जा सके।

उन्होंने पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ा कर 50 फीसद करने के प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन को लेकर कहा- हमें आगामी बजट सत्र में संशोधन पेश करने की उम्मीद है। ग्रामीण विकास, पेयजल और स्वच्छता मंत्री ने कहा कि संभवत: कोई भी राजनीतिक दल इसका विरोध नहीं करेगा। संविधान के 73वें संशोधन के तहत पंचायती राज संस्थानों में इस समय महिलाओं के लिए सभी सीटों का 33 फीसद आरक्षित है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार विधवाओं को पेंशन देने के लिए उम्र की सीमा घटाने पर भी विचार कर रही है। इस समय 40 साल से अधिक उम्र की विधवाएं ही पेंशन के लिए पात्रता रखती हैं। सिंह ने योजना का ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि यह आरंभिक दौर में है। उन्होंने साथ ही राज्यों की ओर से आदिवासियों के उत्थान के लिए पंचायत (अनुसूचित इलाकों का विस्तार) अधिनियम, 1996 के कार्यान्वयन का भी जोरदार समर्थन किया और कहा कि आदिवासी विकास के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकते हैं। इस कार्यशाला में 10 राज्यों के पंचायती राज और आदिवासी विकास मंत्री हिस्सा ले रहे हैं।