शराब पर GST लगेगा या नहीं? अक्सर ये सवाल लोगों के मन में आता है। जब कपड़े, गाड़ी लेकर मोबाइल और खाने-पीने की चीजों पर GST है, तो फिर शराब और पेट्रोल-डीजल पर क्यों नहीं? हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी सवाल का जवाब दिया है, आइए जानते हैं…

क्यों नहीं लगता है शराब और पेट्रोल पर जीएसटी?

NDTV Profit के GST Conclave में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शराब को GST के दायरे में लाने का निर्णय पूरी तरह से राज्य सरकार के हाथों में है। वित्त मंत्री ने साफ किया है कि इस पर केंद्र सरकार कुछ नहीं कह सकती है। फिलहाल, शराब GST के दायरे से बाहर है।

यह राज्यों की सबसे बड़ी कमाई का जरिया है। इसी वजह से शराब पर टैक्स लगाना या न लगाना इस पर राज्यों का अधिकार है। अभी शराब और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी और VAT जैसे टैक्स लगते हैं, जो सीधे राज्यों को जाते हैं।

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जीएसटी की दरों में सुधार

हाल ही में GST काउंसिल ने 2017 के बाद से सबसे बड़े सुधार को मंजूरी दी है। GST की दरें घटाकर सिर्फ दो (18% और 5%) कर दी गई हैं। इसके अलावा, खास प्रोडक्ट्स पर 40% का डिमेरिट टैक्स भी लगाया जाएगा।

इन सामानों पर लगेगा 40% टैक्स

40% टैक्स शराब पर तो नहीं है, Sin Goods जैसे सिगरेट, गुटखा, तंबाकू, ज़र्दा और कुछ सुपर लग्जरी प्रोडक्ट्स पर जरूर लगेगा। इसके अलावा, इस लिस्ट में कोल्ड ड्रिंक्स, कैफिनेटेड ड्रिंक्स और कुछ फ्रूट ड्रिंक्स को भी रखा गया है।

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अमेरिकी टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इन सुधारों की तैयारी पिछले डेढ़ वर्ष से चल रही थी। अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इससे यह साफ हो गया है कि शराब को GST में लाना अभी राज्यों की मर्जी पर ही निर्भर करेगा। फिलहाल, यह कदम जल्द उठाए जाने की काफी कम संभावना है।