Income Tax Return Filing Deadline : देश के अधिकांश टैक्स भरने वालों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। इस डेडलाइन तक ITR फाइल नहीं किया तो आपको कई तरह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। बहुत से टैक्स पेयर सोचते हैं कि देर से रिटर्न भरने पर उन्हें पेनाल्टी के तौर पर कुछ रकम देनी पड़ेगी। लेकिन आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन मिस करने का सिर्फ यही एक नुकसान नहीं है। इसकी वजह से आपको कई और नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। लेकिन नुकसान की चर्चा करने से पहले यह जान लेते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना किनके लिए जरूरी है।
किनके लिए जरूरी है ITR दाखिल करना
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। आपका ITR आपकी आय और भुगतान किए गए करों का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है, जो ऋण, वीजा और अन्य वित्तीय लेनदेन के दौरान मददगार हो सकता है। समय पर अपना रिटर्न दाखिल करने का मतलब यह भी है कि आप एक जिम्मेदार नागरिक हैं और टैक्स से जुड़े कानूनों का पालन करते हैं।
- – उन सभी लोगों के लिए आयकर रिटर्न भरना कानूनी जिम्मेदारी है, जिनकी कुल आय आयकर विभाग द्वारा निर्धारित बेसिक एग्जम्पशन लिमिट से ज्यादा है।
- – भले ही टैक्स प्रावधानों में मिली छूटों का इस्तेमाल करने के बाद आपकी टैक्स देनदारी कुछ नहीं बनती हो, फिर भी उन छूटों को क्लेम करने के लिए आपका रिटर्न फाइल करना जरूरी है।
- – कंपनियों और पार्टनरशिप फर्म्स को भले ही घाटा हो रहा हो और उनकी टैक्स देनदारी कुछ न हो, फिर भी उनके लिए रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है।
- – अगर आपने वित्त वर्ष के दौरान एक्स्ट्रा टैक्स भर दिया है, तो उसका रिफंड हासिल करने के लिए भी रिटर्न भरना जरूरी है।
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पुरानी और नई टैक्स रिजीम
देश के करदाताओं के सामने अब पुरानी और नई टैक्स रिजीम में किसी एक को चुनने का विकल्प मौजूद है। दोनों रिजीम के तहत टैक्स पेयर्स की बेसिक एग्जम्पशन लिमिट अलग-अलग है। पुरानी टैक्स रिजीम के तहत सामान्य पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए यह लिमिट सालाना 2।5 लाख रुपये है। जबकि 60 से 80 साल तक की उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये सालाना है। वहीं, 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले सुपर सीनियर सिटीजन के लिए बेसिक एग्जम्पशन लिमिट सालाना 5 लाख रुपये है। वहीं, नई टैक्स रिजीम के तहत सभी नागरिकों के लिए बेसिक एग्जम्पशन लिमिट 3 लाख रुपये है। लेकिन टैक्स रिबेट का इस्तेमाल करने के बाद ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपये और न्यू रिजीम में 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। फिर भी इस रिबेट का लाभ लेने के लिए आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए।
किनके लिए क्या है डेडलाइन
आयकर रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन टैक्सपेयर्स की कैटेगरी और कुछ अन्य बातों के आधार पर अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती है।
- – ऐसे सैलरीड लोगों और अन्य करदाताओं के लिए टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 है, जिन्हें अपने अकाउंट ऑडिट कराने की जरूरत नहीं होती।
- – कॉर्पोरेट और ऐसे टैक्स पेयर्स के लिए डेडलाइन 31 अक्टूबर 2024 है, जिन्हें अपने अकाउंट ऑडिट कराने होते हैं।
- – जिन बिजनेस को ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट्स देनी है, उनके लिए रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 30 नवंबर, 2024 है।
- – रिवाइज्ड यानी संशोधित रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 रहती है।
- – जिन लोगों को 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करना था, लेकिन नहीं कर पाए, उनके लिए पेनाल्टी के साथ रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर है।
देर से रिटर्न फाइल करने के नुकसान
अगर आप तय डेडलाइन के भीतर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते, तो इसकी वजह से कई नुकसान उठाने पड़ सकते हैं :
1. घाटे को कैरी-फॉरवर्ड नहीं कर सकते : अगर आपने अपना रिटर्न समय पर फाइल नहीं किया है, तो आप उस वित्त वर्ष के दौरान हुए घाटे को अगले वित्त वर्ष में कैरी-फॉरवर्ड करके अगले साल के प्रॉफिट के साथ ऑफसेट नहीं कर पाएंगे। इससे आपकी अगले साल की टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी। कई लोगों के लिए यह रकम अच्छी खासी हो सकती है।
2. पेनाल्टी और ब्याज का बोझ : समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर न सिर्फ 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक पेनाल्टी देनी पड़ेगी, बल्कि बकाया टैक्स देनदारी पर ब्याज भी देना पड़ेगा।
3. डिडक्शन्स / एग्जम्पशंस में अड़चन : इसके अलावा देर से रिटर्न फाइल करने पर आपको सेक्शन 10A, 10B, 80-IA, 80-IB, 80-IC, 80-ID और 80-IE के तहत मिलने वाले तरह-तरह के डिडक्शन्स/एग्जम्पशंस का लाभ भी नहीं मिलेगा, जो बड़ा नुकसान हो सकता है।
अभी से करें तैयारी
इन तमाम कारणों को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि आप अभी से अपना आयकर रिटर्न भरने की तैयारी कर लें, ताकि अपने लिए लागू डेडलाइन से पहले यह महत्वपूर्ण काम पूरा हो जाए। इसके लिए अपने सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें और जरूरत पड़ने पर किसी प्रोफेशनल की हेल्प लें, लेकिन हर हाल में अपना रिटर्न वक्त पर दाखिल करें।