भारत की दिग्गज ऑटो कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा अकसर सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहते हैं। राजनीति, समाज से लेकर कारोबार तक के मामलों पर वह खुलकर राय रखते रहे हैं। यही नहीं अपने महिंद्रा ग्रुप को लेकर भी उन्होंने खुलकर कहा था कि यह फैमिली बिजनेस नहीं है। उनकी बेटियां अपनी मर्जी से काम करने के लिए स्वतंत्र हैं। इकनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए महिंद्रा ने कहा था, ‘मैं समझता हूं कि यह एक अच्छा सवाल है। दरअसल महिलाओं को कॉरपोरेट उत्तराधिकारी के तौर पर स्वीकार किया जाता रहा है। हालांकि अपनी बात करूं तो मेरी बेटियां खुद अपनी पसंद तय करेंगी।’
आनंद महिंद्रा ने कहा था कि हाल ही में सालाना शेयरहोल्डर मीटिंग के दौरान किसी ने मुझसे पूछा था कि आपकी बेटियां यहां क्यों नहीं हैं। मैंने कहा था कि वे फैमिली बिजनेस का हिस्सा हैं। वे मेरी पत्नी के साथ काम कर रही हैं। हम महिंद्रा एंड महिंद्रा को फैमिली बिजनेस नहीं मानते। मेरे दादा और ने इसे 1945 में देशभक्ति में शुरू किया था और वे खुद को जनता के पैसे के कस्टोडियन के तौर पर देखते थे। इसलिए हम महिंद्रा को फैमिली कंपनी के तौर पर नहीं देखते।
आनंद महिंद्रा ने कहा कि मैं भी पहले फिल्ममेकर बनना चाहता था और इस पर मेरे पिता ने कहा था कि ठीक है। लेकिन मैंने फिर कहा कि अब मैं बिजनेस में आना चाहता हूं तो उन्होंने इसके लिए भी मंजूरी दी। इस तरह से हमारे यहां बच्चों को अपने मन मुताबिक काम करने देने की परंपरा रही है। ऐसा ही मेरी बेटियों के साथ भी है।
बता दें कि आनंद महिंद्रा की बड़ी बेटी दिव्या महिंद्रा की शादी लैटिन अमेरिकी जॉर्गे जपाटा से हुई है। 2015 में बेहद लो-प्रोफाइल कार्यक्रम में दोनों की यह शादी हुई थी। आनंद महिंद्रा की पत्नी अनुराधा महिंद्रा Verve मैगजीन का संचालन करती है। अनुराधा इस मैगजीन की संस्थापक एवं संपादक हैं। इसके अलावा उनकी बेटी दिव्या महिंद्रा मैगजीन में क्रिएटिव डायरेक्टर के तौर पर काम कर रही हैं। वहीं एडिटोरियल डायरेक्टर के तौर पर छोटी बेटी आलिका महिंद्रा काम कर रही हैं।