वाघ बकरी ग्रुप के मलिक पराग देसाई का रविवार को अहमदाबाद में निधन हो गया। कंपनी ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी दी। वह 49 वर्ष के थे। कंपनी ने एक इंस्टाग्राम स्टोरी में कहा कि हम अपने प्रिय पराग देसाई के दुखद निधन की सूचना देते हुए दुखी हैं। वाघ बकरी चाय समूह के प्रबंध निदेशक राजेश देसाई के बेटे पराग के परिवार में उनकी पत्नी विदिशा और बेटी परीशा हैं।

अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ्ते अपने आवास के बाहर आवारा कुत्तों के हमले के बाद घायल होने के बाद पराग देसाई की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। चौथी पीढ़ी के उद्यमी पराग देसाई ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में लॉन्ग आइलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। वाघ बकरी चाय समूह के बोर्ड के दो कार्यकारी निदेशकों में से एक पराग देसाई 1995 में पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हुए जब कंपनी का राजस्व ₹100 करोड़ से कम था।

पराग देसाई ने अहमदाबाद के बाहर कारोबार के विस्तार की जिम्मेदारी संभाली और ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म buytea.com लॉन्च किया। उन्होंने समूह के सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट्स की जिम्मेदारी संभाली।

वाघ बकरी समूह की स्थापना 1892 में नारनदास देसाई द्वारा की गई थी। यह कंपनी ₹2,000 करोड़ से अधिक के कारोबार करती है साथ ही 50 मिलियन किलोग्राम से अधिक चाय वितरण के साथ भारत में अग्रणी पैकेज्ड चाय कंपनियों में से एक है। कंपनी 24 राज्यों में काम करती है और लगभग 60 देशों को निर्यात करती है।

पराग देसाई ने चाय समूह को रणनीतिक रूप से बदल दिया और पूरे भारत में 70 से अधिक चाय लाउंज और चाय वर्ल्ड लॉन्च किए। उन्होंने समूह की ई-कॉमर्स, सोशल और डिजिटल मीडिया उपस्थिति को भी मजबूत किया। वह भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) समेत कई उद्योग मंचों पर सक्रिय रहे। फोर्ब्स इंडिया के अनुसार वाघ बकरी टाटा और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी पैकेज्ड चाय कंपनी है।

पराग देसाई इस्कॉन अम्बली रोड पर वॉक के दौरान डॉग अटैक में घायल हुए थे। उन्हें तत्काल शेल्बी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें सर्जरी के लिए जायडस हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। 22 अक्टूबर यानी रविवार को उनका निधन हो गया।