Who Owns Delhi’s Connaught Place: दिल्ली का दिल कहे जाने वाला कनॉट प्लेस (Connaught Place) देशभर में मशहूर है। देश-दुनिया से भारत आने वाले सैलानी कनॉट प्लेस यानी CP की सैर जरूर करते हैं। ना केवल भौगोलिक बल्कि इसका अपना सांस्कृतिक महत्व भी है। कमर्शियल एपिसेंटर कहे जाने वाली यह जगह पिछले कई सालों से राजधानी दिल्ली की पहचान है। 1929 में बने कनॉट प्लेस को ब्रिटिश राज के समय बनाया गया था और यह आर्किटेक्चर का एक शानदार नमूना है। देशभर से आने वाले टूरिस्ट समेत दिल्ली के लोग भी यहां शॉपिंग करने, पिकनिक मनाने और घूमने-फिरने आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कनॉट प्लेस का मालिकाना हक किसके पास है? कभी सोचा है कि यहां जो दुकानें हैं उनका किराया कितना होगा? चलिए आज बात करते हैं Heart of Delhi कहे जाने वाले CP की और बताते हैं आपको कुछ दिलचस्प फैक्ट्स।
किसने बनाया कनॉट प्लेस?
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस को ब्रिटिश आर्किटेक्ट रॉबर्ट टोर रसेल (Robert Tor Russell) ने निकोलस के साथ मिलकर डिजाइन किया था। निकोलस ने Royal Cresent और Roman Colosseum जैसी शानदार इमारतों को डिजाइन किया है और कनॉट प्लेस की सर्कुलर डिजाइन भी यहाीं से प्रेरित है।
क्या है कनॉट प्लेस का इतिहास? (Connaught Place History)
पिछले कुछ सालों के दौरान कनॉट प्लेस वाणिज्य, संस्कृति और खापान के लिए काफी मशहूर हुआ है। भारतीयों को यहां शॉपिंग से लेकर शानदार रेस्तरां और पार्क जैसी घूमने-फिरने की जगह मिलती हैं। भारत आने वाले इंटरनेशनल टूरिस्ट भी दिल्ली के CP को एक बढ़िया जगह मानते हैं। वहीं रिटेलर्स के लिए यह एक ऐसी जगह है जहां उनका बिजनेस आसानी से फलता-फूलता और बढ़ता है।
कौन है दिल्ली के कनॉट प्लेस का मालिक? (Who owns Delhi’s Connaught Place?)
कनॉट प्लेस में ढेरों दुकानें बनी हुई हैं। यहां आपको देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट खूब शॉपिंग करते हुए दिख जाएंगे। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इन सभी दुकानों का आधिकारिक मालिकाना हक भारत सरकार के पास है। जी हां न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ही दिल्ली के कनॉट प्लेस की मालिक है।सीपी परिसर के अंदर संपत्ति के स्वामित्व किस-किसके पास है, कई लोगों के लिए यह एक रहस्य की तरह है।
कनॉट प्लेस में दुकानों का किराया कितना है? (What is the rent of shops in Connaught Place?)
आजादी से पहले कनॉट प्लेट एरिया में दुकानों और दूसरी जगहों को मामूली दामों में लीज पर दिया गया था। और आज भी कई Old Delhi Rent Control Act के तहत उपलब्ध हैं। संपत्ति के मालिकों को जहां आज भी हो सकता है कि काफी कम किराया मिल रहा हो लेकिन Statbucks, Pizza Hut और कई बड़े बैंक यहां जमकर कमाई कर रहे हैं जिसके चलते किराएदार और मालिकों के रेवेन्यू में काफी फर्क है।
कनॉट प्लेस की विरासत की बात करें तो यह ईटों और गारे से परे है। यह देश में विकास का प्रतीक है। यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित कमर्शियल सेंटर में से एक है। और दिल्ली के आइकॉनिक जगहों के मालिकाना हक की कहानी इसे और ज्यादा आकर्षित बनाती है। और दिल्ली के दिल पर राज करने वाला कनॉट प्लेस हर दिन लोगों की भीड़ से गुलजार रहता है।