अडानी ग्रुप को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने समूह के खिलाफ स्टॉक हेरफेर के नए आरोप लगाए हैं। OCCRP रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉरीशस स्थित कुछ इन्वेस्टमेंट फर्म्स के जरिए पिछले कई सालों में अडानी ग्रुप के शेयर्स में भारी निवेश हुआ। इस निवेश के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स के भाव आसमान छूते गए। वहीं रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाया गया है कि निवेश करने वाले इन्वेस्टमेंट फर्म्स अडानी के परिवार से जुड़े लोग मैनेज करते थे।

रिपोर्ट को अडानी समूह ने बताया निराधार

वहीं रिपोर्ट के बाद अडानी समूह का बयान आया और उसने इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि हम इन रीसाइकिल्ड आरोपों को साफ तौर से अस्वीकार करते हैं। ग्रुप ने कहा कि ये रिपोर्ट्स सोरोस-फंडेड हितों द्वारा विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित एक और ठोस प्रयास लगती हैं जिससे योग्यताहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट को दोबारा जीवित किया जा सके।

संगठित अपराध और सिस्टमिक करप्शन पर जांच और रिपोर्टिंग के अपने अनुभवों में समानता का एहसास होने के बाद अमेरिकी के दो खोजी पत्रकार सुलिवान और बल्गेरियाई पॉल राडू ने 2006 में OCCRP की स्थापना की थी।

शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र डेमोक्रेसी फंड (UNDEF) द्वारा वित्त पोषित OCCRP नेटवर्क ने सबसे पहले साराजेवो में एक कार्यालय खोला। पिछले कुछ वर्षों में OCCRP पांच देशों में काम करने वाले छह पत्रकारों से बढ़कर 30 देशों में 150 से अधिक पत्रकारों तक पहुंच गया है। इस नेटवर्क का मकसद पत्रकारों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने का है ताकि भ्रष्टाचार और अपराध के ग्लोबल नेटवर्क को बेहतर ढंग से समझा और उजागर किया जा सके।

OCCRP क्षेत्रीय साझेदारों के साथ भी मिलकर काम करता है, जिसमें अरब रिपोर्टर्स फॉर इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म (ARIJ), सेंट्रो लैटिनो अमेरिकनो डी इंवेस्टिगेशन पीरियोडिस्टिका (CLIP) और रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी (RFE/RL) शामिल हैं। OCCRP वैश्विक खोजी पत्रकारिता नेटवर्क का भी सदस्य है।

OCCRP का रिकॉर्ड

OCCRP रिकॉर्ड के अनुसार 2009 के बाद से इसके द्वारा की गई रिपोर्टिंग के कारण सीधे तौर पर 398 आधिकारिक जांच हुईं और इसमें 621 गिरफ्तारियां, 131 इस्तीफे हुए। इसके अलावा विभिन्न कंपनियों पर 10 बिलियन डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया गया और धन जब्त किया गया।

यह पिछले कुछ वर्षों में कई हाई-प्रोफाइल जांचों में शामिल रहा है, जिसमें रूस के कुलीन वर्गों और व्लादिमीर पुतिन पर कई रिपोर्ट्स शामिल हैं। OCCRP ने इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (जिसमें द इंडियन एक्सप्रेस एक सदस्य है) के साथ पनामा पेपर्स प्रोजेक्ट पर भी काम किया, जिसने ऑफशोर संस्थाओं के उपयोग के माध्यम से भ्रष्टाचार पर 40 से अधिक कहानियां तैयार कीं थीं। इसने 2017 पुलित्जर पुरस्कार भी जीता था।

क्या है जॉर्ज सोरोस से कनेक्शन?

OCCPR के खिलाफ अडानी समूह के बयान में इसे “सोरोस समर्थित” कहा गया है। इस साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के बारे में अरबपति एडवोकेसी फंडर जॉर्ज सोरोस द्वारा की गई आलोचनात्मक टिप्पणियों पर बीजेपी और उसके समर्थकों ने काफी आलोचना की थी। तब से सोरोस का नाम अकसर सरकार या इस मामले में इस्तेमाल किया गया है।

OCCRP की वेबसाइट के अनुसार सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन इसके 21 प्रमुख फंडर्स में से एक है। इसके अलावा द रॉकफेलर ब्रदर्स फंड, अमेरिकी विदेश विभाग, फोर्ड फाउंडेशन, जर्मन मार्शल फंड और स्वीडिश इंटरनेशनल डेवलपमेंट कोऑपरेशन एजेंसी OCCRP को फंड करती है।