सरकार ने इतालवी कंपनी फिनमैकेनिका को मिली सभी मौजूदा रक्षा उपकरण निविदाएं रद्द करने का फैसला किया है ताकि इसके बाद कंपनी को काली सूची में डाला जा सके। इस कंपनी के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलिकाप्ट सौदे में रिश्वत के आरोप में जांच चल रही है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने एक बातचीत में कहा कि फिनमैकेनिका व इसकी अनुषंगियों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। इस बारे में एक पत्र विधि मंत्रालय को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि जहां भी फिनमैकेनिका और इसकी अनुषंगियों से संबंधित किसी तरह की पूंजीगत खरीद होगी वहां सबके सब प्रस्ताव के आग्रह (आरएफपी) रद्द किए जाएंगे। पर्रीकर ने कहा- लेकिन फिनमेकैनिका से पहले ही खरीदे जा चुके रक्षा उपकरणों के कलपुर्जाें का आयात व सालाना रखरखाव का अनुबंध बना रहेगा। केवल उससे नए पूंजीगत सामान के अधिग्रहण की निविदाएं खत्म की जाएंगी।

सरकार ने स्कार्पिन पनडुब्बियों के लिए भारी टारपीडो के आरपीएफ को पहले ही वापस ले लिया है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में यह आरपीएफ फिनमैकेनिका की एक अनुषंगी डब्लूएएसएस ने जीता था। सरकार अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। पर्रीकर ने कहा कि काली सूची में डालने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। अगर किसी कंपनी को तय साल के लिए काली सूची में डाला जाता है तो रक्षा मंत्रालय उस कंपनी से उतनी अवधि में पूंजीगत खरीद का कोई सौदा नहीं करेगा। उन्होंने दोहराया कि रक्षा मंत्रालय ने कंपनी के साथ किसी तरह का नया सौदा पहले ही स्थगित कर दिया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि राजस्व अधिग्रहण में जहां अनुबंध पहले ही कार्यान्वित किए जा रहे हैं और जहां यह बहुत जरूरी है, वहां सालाना रखरखाव व कलपुर्जाें के आयात की अनुमति दी जाएगी। लेकिन यह सब संबद्ध प्राधिकार से उचित प्रमाणन के बाद ही होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित प्लेटफार्म या उपकरण परिचालन में रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी कंपनी ने कुछ गलत किया है केवल इसी आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता। मैं अपने छह पोत को केवल इसलिए परिचालन से नहीं हटा सकता कि एक कलपुर्जा फिनमैकेनिका की किसी कंपनी से आयातित किया जाना है।