विजय माल्या की अगुवाई वाली किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मुख्यालय किंगफिशर हाउस की नीलामी गुरुवार (4 अगस्त) को भी नहीं हो सकी क्योंकि कोई भी खरीददार सामने नहीं आया। किंगफिशर हाउस के लिए आरक्षित मूल्य को घटाकर 135 करोड़ रुपए किया गया है। बैंकरों का कहना है कि उन्हें इस भवन के लिए आरक्षित मूल्य को और घटाना पड़ सकता है। मार्च में इसका आरक्षित मूल्य 150 करोड़ रुपए था और तब भी नीलामी नहीं हो सकी थी। यह संपत्ति यहां घरेलू हवाई अड्डे के निकट है और इसे ‘प्राइम प्रोपर्टी’ माना जाता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में 17 बैंकों का समूह इस संपत्ति को बेचने की कोशिश कर रहा है। इस समूह का किंगफिशर एयरलाइंस पर 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है।
किंगफिशर हाउस का निर्मित क्षेत्र 17,000 वर्गफीट से अधिक का है और यह विले पार्ले में स्थित है। इसके लिए बोली 11 बजे शुरू हुई और किसी बोलीदाता के सामने नहीं आने के कारण विफल रही। सूत्रों ने कहा, ‘किंगफिशर हाउस के लिए एक भी बोली नहीं मिली।’ उन्होंने मौजूदा आरक्षित मूल्य को भी ऊंचा बताते हुए कहा कि इसमें और कमी की जरूरत है। कुछ बैंकों ने विजय माल्या को ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित किया है और ऐसा कहा गया है कि वह इस समय ब्रिटेन में हैं।