भारत सहित दुनियाभर के शेयर बाजारों में आई गिरावट को लेकर जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल इक्विटीज हेड क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने निवेशकों को सचेत किया है। उन्होंने अपने वीकली न्यूज़ लेटर में कहा कि हाल के दिनों में शेयर बाजार में आई गिरावट केवल शुरुआत भर है। आगे हमें और अधिक गिरावट देखने को मिल सकती है।

उन्होंने हाल ही में आई टेक्नोलॉजी शेयरों में गिरावट को अमेरिका में आए 2000 के डॉट कॉम बस्ट से जोड़ा, जब टेक्नोलॉजी शेयरों में गिरावट के कुछ महीनों के बाद पूरा शेयर बाजार तेजी से नीचे आ गया था। अमेरिका की टेक्नोलॉजी शेयरों की इंडेक्स Nasdaq 100 में पिछले कुछ महीनों में 16 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी मेटा आईएनसी (फेसबुक) के शेयरों में 35% तक की गिरावट हो चुकी है।

भारत में भी गिरे टेक्नोलॉजी शेयर – भारत में भी टेक्नोलॉजी शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है। नए जमाने के शेयर पेटीएम,जोमैटो और पीबी फिनटेक (पॉलिसी बाजार) जिनकी हाल ही में लिस्टिंग हुई है 50% तक गिर गए है। जबकि दूसरी अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली हैं।

निफ्टी आईटी भी गिरा: भारत में टेक्नोलॉजी शेयरों का मुख्य सूचकांक (Index) में भी वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी शेयरों में गिरावट का असर पड़ा है। निफ्टी आईटी में अपने उच्चतम स्तर से 12% तक की गिरावट आई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का मुख्य सूचकांक निफ़्टी 50 भी 6% तक की गिरा चुका है।

तेजी से बढ़ी निवेशकों की संख्या: भारतीय शेयर बाजार में कोरोना की दस्तक के बाद पिछले 2 साल से लगातार तेजी का दौर रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में ऐसे निवेशक जिन्होंने पहले कभी भी शेयर बाजार में कदम नहीं रखा था। शेयर बाजार में पैसा लगाना शुरू कर दिया। सेबी के द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार मार्च 2020 में देश में कुल 3.6 करोड़ डिमैट अकाउंट थे। नवंबर 2021 तक बढ़कर 7.7 करोड़ हो गए। जबकि नए डीमैट अकाउंट खोलने वालों में 75% संख्या 30 वर्ष से कम के युवाओं की है।