US sanctions 6 Indian companies against Iran’s energy trade: अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल मच गई है। अब आज अमेरिका ने एक बड़ा कड़ा कदम उठाते हुए ईरानी पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद-फरोख्त को लेकर छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह ऐलान अमेरिकी विदेश विभाग ने किया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि ये कंपनियां ईरान के खिलाफ लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रही थीं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की ‘‘महत्वपूर्ण’’ बिक्री और खरीद के लिए छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।

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क्यों लगा भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, ‘‘ईरानी सरकार अपनी अस्थिरताकारी गतिविधियों के लिए धन जुटाने हेतु पश्चिम एशिया में संघर्ष को बढ़ावा दे रही है। आज, अमेरिका ऐसे राजस्व के प्रवाह को रोकने के लिए कदम उठा रहा है, जिसका इस्तेमाल यह सरकार विदेशों में आतंकवाद को समर्थन देने और अपने ही लोगों को दमन करने में करती है।’’

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उसने ईरानी पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों या पेट्रोकेमिकल व्यापार में शामिल 20 वैश्विक संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। विदेश विभाग ने कहा कि भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्किये और इंडोनेशिया की कई कंपनियों को ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की महत्वपूर्ण बिक्री और खरीद के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है।

विभाग ने अपने बयान में कहा, ‘‘जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं, कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदता है, वह अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे का सामना करेगा और अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर पाएगा।’’

ईरान के पेट्रोकेमिकल व्यापार को निशाना बनाते हुए अमेरिका ने कई देशों की 13 कंपनियों को प्रतिबंधित किया है। भारत की जिन कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया है, उनके नाम निम्न हैं।

1.कंचन पॉलिमर्स
2.अलकेमिकल सॉल्यूशन्स
3. रमनीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी
4. जूपिटर डाई चेम प्राइवेट लिमिटेड
5. ग्लोबल इंडस्ट्रीज
6. पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड

इन तीनों कंपनियों ने जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदे। इसके अलावा, अमेरिकी वित्त विभाग ने 50 से ज्यादा व्यक्तियों और संस्थाओं को नामित किया है और 50 से ज्यादा जहाजों की पहचान की है जो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई के शीर्ष राजनीतिक सलाहकार अली शमखानी के बेटे मोहम्मद हुसैन शमखानी द्वारा नियंत्रित विशाल शिपिंग साम्राज्य का हिस्सा हैं। वित्त विभाग ने इसे ‘‘2018 के बाद से ईरान से जुड़ी सबसे बड़ी कार्रवाई’’ बताया है।

वित्त विभाग के बयान में संयुक्त अरब अमीरात स्थित भारतीय नागरिक पंकज नागजीभाई पटेल का भी नाम प्रतिबंध सूची में है, जो हुसैन के नेटवर्क में कई शिपिंग कंपनियों में कार्यकारी के रूप में काम कर चुके हैं।