संयुक्त राज्य अमेरिका में विवाह-आधारित ग्रीन कार्ड इंटरव्यू आमतौर पर एक औपचारिक प्रक्रिया मानी जाती है। लेकिन ऐसा लगता है कि पिछले हफ्ते से हालात अचानक बदल गए हैं। कई इमिग्रेशन वकीलों ने बताया कि सैन डियागो के USCIS फील्ड ऑफिस में रुटीन इंटरव्यू के दौरान कुछ विदेशी पति-पत्नियों को हिरासत में लिया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन लोगों को हिरासत में लिया गया, उन्होंने वैध तरीके से अमेरिका में एंट्री की और उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं था। सबसे बड़ी बात ना ही इन लोगों ने अमेरिकी नागरिकों से शादी की थी। यह अचानक हुई कड़ी कार्रवाई अप्रवासी कम्युनिटीज में बड़ी चिंता और बेचैनी का सबब बनी हुई है- खासकर उन भारतीयों में जो लॉन्ग-टर्म रेजिडेंसी(ग्रीन कार्ड) के लिए marriage-based एडजस्टमेंट पर निर्भर रहते हैं।
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विवाह-आधारित ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के दौरान लोगों को क्यों किया जा रहा डिटेन?
ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के दौरान लोगों को हिरासत में लेने के दो कारण माने जा रहे हैं। पहला- धोखाधड़ी वाले विवाह (fraudulent marriages) की पहचान होना। और दूसरा-उन लोगों को गिरफ्तार करना जो अपना स्टेटस खत्म होने के बाद भी यूएस में रह रहे हैं, भले ही वे स्टेटस एडजस्टमेंट के लिए योग्य क्यों न हों।
Adjustment के लिए योग्य होने का मतलब है कि व्यक्ति, अमेरिका छोड़े बिना अपने टेंपरेरी/नॉन-इमिग्रेंट स्टेटस (जैसे टूरिस्ट वीज़ा, स्टूडेंट वीज़ा आदि) को बदलकर कानूनी तौर पर स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड होल्डर) बन सकता है।
USCIS का रुख अचानक इतना सख्त क्यों हुआ?
ह्यूस्टन के इमिग्रेशन अटॉर्नी राहुल रेड्डी के अनुसार, मौजूदा माहौल में USCIS अधिकारी किसी पर भी शक होने के दौरान जांच करने मं पहले की तरह हिचकिचा नहीं रहे हैं। उनका कहना है, “आपको समझना चाहिए, शादी से जुड़े मामलों में बहुत धोखाधड़ी होती है। अनुमान है कि ऐसे मामलों में करीब 30 से 40 प्रतिशत या शायद इससे भी ज्यादा केस फर्जी होते हैं।
राहुल रेड्डी के मुताबिक, “पहले जब अधिकारियों को धोखाधड़ी का शक होता था, वे RFE जारी करते थे। अब ‘ट्रम्प 2.0’ के माहौल में निर्देश है किअगर अधिकारी को यकीन हो कि शादी फर्जी है तो सीधे गिरफ्तार करो।” अगर अब अधिकारियों को लगता है कि कोई गड़बड़ी है तो तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है। राहुल बताते हैं, ‘आजकल वे RFE नहीं भेजते। वो लोगों को गिरफ्तार करते हैं और फिर सवाल करते हैं।’
यह नया रवैया न केवल मेरिज-बेस्ड ग्रीन कार्ड हासिल करने वालों में, बल्कि पूरे प्रवासी समुदाय- खासकर भारतीयों में बेहद ज़्यादा चिंता पैदा कर रहा है।
क्या सिर्फ ओवरस्टे गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त है?
लंबे समय से लागू अमेरिकी इमिग्रेशन कानूनों के अनुसार, अगर कोई पति-पत्नी (लाइफ पार्टनर) कानूनी तौर पर अमेरिका में एंट्री करता है तो वह ग्रीन कार्ड का पात्र रहता है, चाहें उसने कई सालों तक ओवरस्टे ही क्यों ना किया हो।
रेड्डी इसे साफतौर पर समझाते हुए बताते हैं, “कानून बिल्कुल स्पष्ट है: अगर किसी शख्स ने 30 साल भी ओवरस्टे किया है लेकिन अगर शादी वास्तविक है तो वह ग्रीन कार्ड पाने का हकदार है।”
इसके बावजूद, हाल में हुईं कई गिरफ्तारियों की वजह सिर्फ वीजा ओवरस्टे रही है। उनका कहना है, “सिर्फ ओवरस्टे के आधार पर ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के दौरान किसी को गिरफ्तार करना एक ‘ग्रे एरिया’ है। उन्होंने स्टेटस एडजस्टमेंट को अस्वीकार नहीं किया है, इसलिए व्यक्ति कानूनी रूप से एक ग्रे एरिया में है और उसे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था।”
Indian Express के साथ बातचीत में टेक्सास के इमिग्रेशन वकील चांद पर्वनैनी ने भी यही चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिन ओवरस्टेज को निशाना बनाया जा रहा है, उनमें अधिकतर वे मामले हैं जिन्हें एडजस्टमेंट प्रोसेस में अब तक माफ किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा, “पहले अगर किसी की शादी अमेरिकी नागरिक से हो जाती थी तो ओवरस्टे आम तौर पर माफ हो जाता था। लेकिन अब लगता है कि ओवरस्टे करने वालों को ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के दौरान गिरफ्तारी का खतरा रहने वाला है।” अपने अनुभव के आधार पर पर्वतनैनी ने कहा कि उन्होंने अभी तक इस तरह की परिस्थितियों में किसी भारतीय नागरिक को हिरासत में लिए जाते नहीं देखा है। लेकिन वह जोर देकर कहते हैं कि कानूनी जोखिम सभी पर समान रूप से लागू होता है: “अगर कोई व्यक्ति आउट ऑफ स्टेटस है तो ICE कार्रवाई कर सकती है- भले ही ग्रीन कार्ड आवेदन वैलिड क्यों न हो।”
इस नई नीति से क्या भारतीयों पर पड़ रहा असर?
कुछ लोगों का मानना है कि यूएस की इस नई नीति मे खासतौर पर उन अवैध प्रवासियों को निशाना बनाया जा रहा है जो मैक्सिको से यूएस में घुस रहे हैं। पर्वनैनी ने आगे कहा, ‘मैंने अभी तक किसी भारतीय की गिरफ्तारी होते नहीं देखी है, क्योंकि मैक्सिको से आने वाले लोगों से तुलना करें तो ज्यादातर भारतीय ओवरस्टे नहीं करते हैं।’
उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि अभी तक ऐसे किसी मामले में भारतीयों को हिरासत में लिया गया हो या गिरफ्तार किया गया हो।’
हालांकि, रेड्डी का कहना है कि जब धोखाधड़ी का शक हो तो भारतीय नागरिक भी जांच से बाहर नहीं हैं। वे कहते हैं, “भारतीय धोखाधड़ी वाले शादी मामलों से फ्री नहीं हैं। कुछ लोग ऐसा करते हैं और उन्हें हिरासत में भी लिया गया है। अभी अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले समूहों में भारतीय टॉप पर हैं और संख्या बहुत बढ़ गई है।”
रेड्डी का यह भी कहना है कि पहले जिन प्रवासियों द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न (political persecution) के दावे किए जाते थे, अब उन्हें भी अब बहुत सख्ती से देखा जा रहा है। वे कहते हैं, “पहले लोग बहाने बनाते थे- ‘हम खालिस्तान से हैं,’ ‘हम कांग्रेस के लोग हैं और मोदी हमें परेशान कर रहे हैं।’ अब ट्रम्प 2.0 के समय में गैरकानूनी रूप से दाखिल होने वालों को जेल भेजा जा रहा है… अगर शादी असली है तो बिल्कुल कोई समस्या नहीं है।”
हालांकि, वे सलाह देते हैं कि जिन आवेदकों के स्टेटस में गैप या कोई गड़बड़ी हो तो उन्हें सावधान रहना चाहिए। रेड्डी ने आगे कहा, “अगर किसी को लगता है कि शादी की वैधता को लेकर कोई सवाल उठ सकता है तो मैं इंटरव्यू में वकील ले जाने की सिफारिश जरूर करूंगा।”
क्या पूरे यूएस में हो रहीं ऐसी गिरफ्तारियां?
वकीलों के अनुसार, अब तक कानूनी कार्रवाई का पैटर्न मुख्य रूप से सैन डियोगो के USCIS फील्ड ऑफिस तक ही दिखाई दे रहा है। हालांकि वे चेतावनी देते हैं कि अगर यह सिर्फ किसी खास रीजनल एरिया में नहीं बल्कि किसी राष्ट्रीय रणनीति में बदलाव का संकेत है तो इसका असर अन्य क्षेत्रों में भी दिख सकता है।
रेड्डी कहते हैं, “अब तक हम यह सिर्फ सैन डियागो में इस तरह के मामले देख रहे हैं। हम किसी और जिले में ऐसा होता नहीं देख रहे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “हमें अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि San Diego में की गई गिरफ्तारियां केवल ओवरस्टे की वजह से हैं या इसलिए कि अधिकारियों को शादी वास्तविक नहीं लगी।” पर्वतनैनी भी पुष्टि करते हैं कि यह रुझान फिलहाल स्थानीय स्तर पर सीमित है। उन्होंने बताया, “अभी के लिए मैंने केवल सैन डियागो फील्ड ऑफिस में ऐसे इंटरव्यू के बारे में सुना है। उन्होंने अन्य USCIS फील्ड ऑफिसों में ऐसे मामलों का सामना नहीं किया है।”
पिछली यूएस सरकारों के दौरान क्या हुआ?
कुछ समय पहले की बात करें तो शादी-आधारित ग्रीन कार्ड इंटरव्यू के दौरान गिरफ्तारी के मामले बेहद दुर्लभ थे। और जब कभी ऐसा होता भी था तो आमतौर पर वे मामले होते थे जिनमें स्पष्ट और गंभीर ‘रेड फ्लैग’ होते थे जैसे-क्रिमिनल वारंट, पहले से जारी डिपोर्टेशन ऑर्डर और बड़ी धोखाधड़ी के पुख्ता सबूत।
ओबामा प्रशासन के दौरान, जब अधिकारियों को किसी शादी में धोखाधड़ी का शक होता था तो वे आमतौर पर- Request for Evidence (RFE) जारी करते थे या आवेदक का फॉलो-अप इंटरव्यू लेते थे। इस तरह, सीधी गिरफ्तारी तब भी बेहद असामान्य थी।
ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल (2017–2020) में प्रवर्तन (enforcement) की रुख काफी सख्त था और इंटरव्यू का प्रोसेस भी ज्यादा कठिन हो गया था। लेकिन इंटरव्यू रूम में गिरफ्तारी तब भी बहुत दुर्लभ थी। और आमतौर पर केवल उन्हीं लोगों तक सीमित रहती थी जो पहले से रिमूवल प्रोसीडिंग्स (यानी देश से निष्कासन/डिपोर्टेशन की प्रक्रिया) में थे।
बाइडेन प्रशासन के दौरान USCIS ने विवाह-आधारित मामलों में फिर से थोड़ा “सहज और सहयोगी” रुख अपनाया। इस दौरान- USCIS ने मुख्य रूप से पब्लिक सेफ्टी और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे वाले मामलों में ही गिरफ्तारी या निष्कासन को प्राथमिकता दी। सिर्फ ओवरस्टे को USCIS सुविधाओं में डिटेंशन का आधार कभी नहीं माना गया।
