Unified Pension Scheme: वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी को यूनिफाइड पेंशन स्कीन (UPS) के फीचर्स और डिटेल के बारे में नोटिफिकेशन जारी की थी। Unified Pension Scheme देश में 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रही है। बता दें कि कर्मचारियों के लिए यूपीएस को नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) यानी NPS के तहत एक विकल्प के तौर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही केंद्रीय सरकारी कर्मचारी इस स्कीम के तहत कुछ प्रावधानों को पूरी तरह से समझने की कोशिश कर रहे हैं। यूपीएस के तहत सुनिश्चित पेंशन के शुरु होने की टाइमलाइन और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए सेवा वर्षों (Service Years) की न्यूनतम संख्या जैसे प्रावधानों को ज्यादा स्पष्ट करने की आवश्यकता होगी। कर्मचारियों को उम्मीद है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी (Pension Fund Regulatory) और Development Authority (PFRDA) यूपीएस के अगले वित्तीय वर्ष में लागू होने से पहले गाइडलाइन्स को ज्यादा स्पष्ट करेंगे।
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OPS को वापस लाने की मांग
कर्मचारी संगठन के नेता अभी भी सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं। और वे NPS व UPS के बीच विकल्प देने वाले इस ऑफर से संतुष्ट नहीं हैं। वे अभी भी OPS को वापस लागू करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं।
इन लोगों का कहना है कि कर्मचारियों के हिसाब से NPS व UPS के बीच मामला फंसाने की जगह सरकार को OPS बेनेफिट्स वापस लाने की मांग करनी चाहिए।
क्या है यूपीएस नोटिफिकेशन?
कर्मचारियों को यूपीएस के लिए जारी की गई अधिसूचना काफी कठिन और कन्फ्यूजिंग लग रही है। उनका कहना है कि आम कर्मचारियों के लिए इसे समझना काफी कठिन है।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी कितनी पेंशन?
यूपीएस लागू होने के बाद केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को कितनी पेंशन मिलेगी? एक उदाहरण देकर आपको इस बारे में समझाते हैं:
अगर रिटायरमेंट से पहले किसी कर्मचारी की 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और कर्मचारी ने 25 साल तक नौकरी है। इसके साथ हर महीने 10 प्रतिशत का योगदान किया है तो मासिक पेंशन 25000+ DR होगी। अगर कर्मचारी ने 15 साल तक काम किया है तो पेंशन 15000+DR होगी। इसकी कैलकुलेशन 30 प्रतिशत की दर से किया गया है। जिन कर्मचारियों ने 10 साल नौकरी की है उनकी न्यूनतम पेंशन यूपीएस स्कीम के तहत 10,000 रुपये +DR होगी।
इस कैलकुलेशन से पता चलता है कि कर्मचारी ने जितने साल नौकरी की है, पेंशन उसकी दोगुनी होगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 40,000 रुपये है और 20 सालों की नौकरी के बाद उसे 40 प्रतिशत पेंशन यानी 16000+ DR मिलेगी।
VRS लेने पर हगा नुकसान
यदि कोई कर्मचारी 25 साल की सेवा पूरी करने से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लेता है, तो उसे वीआरएस की तारीख से पेंशन लाभ नहीं मिलेगा। इसके बजाय, पेंशन तभी शुरू होगी जब कर्मचारी 60 वर्ष की आयु तक पहुंच जाएगा।
अधिसूचना यानी नोटिफिकेशन के अनुसार, “…न्यूनतम 25 वर्षों की क्वालिफाइंग सर्विस के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामलों में, सुनिश्चित भुगतान उस तारीख से शुरू होगा जिस दिन कर्मचारी सेवानिवृत्त होता यदि वह नौकरी करता रहता।”
आसान शब्दों में समझें तो अगर कोई कर्मचारी जल्द रिटायरमेंट (25 साल की नौकरी के बाद) का फैसला लेता है तो उसे तुरंत पेंशन मिलना शुरु नहीं होगी। इसकी जगह, पेंशन तब मिलेगी जब वह उस उम्र पर पहुंच जाएगी, जिसमें वह नौकरी में रहते हुए रिटायर होता।
UPS के तहत फैमिली पेंशन
इसी तरह, मृत्यु की स्थिति में परिवार को मृत्यु की तारीख से पेंशन नहीं मिलेगी। जारी की गई नोटिफिकेशन के मुताबिक, पेंशन उसी समय से शुरु होगी, जब कर्मचारी 60 वर्ष के होते अगर वे जीवित होते।
VRS लेने के लिए न्यूनतम सर्विस कितनी?
इस नई योजना के साथ एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठ रहा है कि क्या केंद्र सरकार की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवश्यक न्यूनतम योग्यता सेवा को मौजूदा 20 वर्षों से बढ़ाकर 25 वर्ष किया जा रहा है।
समयसीमा और यूपीएस के मुख्य फीचर्स
24 अगस्त, 2024 को केंद्रीय कैबिनेट ने करीब 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए UPS को मंजूरी दी थी।
यह पॉलिसी सेवानिवृत्ति से पहले 12 महीनों के दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारी द्वारा प्राप्त औसत मूल वेतन के 50% के बराबर मासिक पेंशन का वादा करती है, बशर्ते उसने 25 साल की सेवा पूरी की हो।
केंद्र ने कर्मचारियों की मांगों पर गौर करने और पेंशन प्रणाली पर फिर से काम करने के लिए अप्रैल 2023 में तत्कालीन वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। यह फैसला तब आया जब यूनियनों और अन्य कर्मचारी निकायों ने NPS को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए सरकार पर दबाव डाला।