Union Budget Income Tax, Standard Deduction Hiked: बजट 2024 का इंतजार खत्म हो गया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स से जुड़े कुछ बड़े ऐलान किए हैं। वित्त मंत्री ने नए रिजीम के तहत इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में बदलाव का ऐलान किया है जिसके तहत 3 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो गई है। इसके अलावा टैक्सपेयर्स को एक और राहत दी गई है जिसके तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली छूट को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है।
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Standard Deduction Hike
व्यक्तिगत आयकर दरों की बात करें तो नए टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुनने वालों के लिए दो घोषणाएं की गई हैं। पहला, वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट 50000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
वहीं पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15000 रुपये से बढ़कर 25000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि नई टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन से चार करोड़ वेतनभोगियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन है क्या? (What is Standard Deduction)
स्टैंडर्ड डिडक्शन जैसा कि नाम से जाहिर है नौकरीपेशा शख्स की कुल इनकम में से पहले ही एक निश्चित अमाउंट को घटा दिया जाता है। इससे उस व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है और ऐसा होने से टैक्स भी कम देना होता है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन जैसा कि नाम से जाहिर है नौकरीपेशा शख्स की कुल इनकम में से पहले ही एक निश्चित अमाउंट को घटा दिया जाता है। इससे उस व्यक्ति की टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है और ऐसा होने से टैक्स भी कम देना होता है।
किस सेक्शन के तहत मिलती है स्टैंडर्ड डिडक्शन में राहत?
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को शामिल किया गया है। चाहें किसी टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम ज्यादा हो या कम, उन्हें एक निश्चित अमाउंट ही डिडक्ट करने की अनुमति मिलती है।
कब हुई थी स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत
आपको बता दें कि स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत सबसे पहले 1974 में हुई थी। लेकिन बाद में इस प्रवधान को बंद कर दिया गया। लेकिन यूनियन बजट 2018 में इसे दोबारा शुरू किया गया था। नए टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुनने वाले दोनों यूजर्स को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है। 2018 से स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 5000 रुपये तक थी और अब इसे 25000 रुपये बढ़ाकर 75000 रुपये कर दिया गया है।
