बाजार में मंदी के आसार नजर आते दिख रहे हैं। सरकारी यूके बैंक इस साल भी घाटा सहना पड़ा है जिसके चलते अब बैंक एलआईसी और मोदी सरकार से मदद की आस में है। सरकारी यूको बैंक ने इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही (Q2) में लगभग 601 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया है। वहीं, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इस बैंक को लगभग 634 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। यूको बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एके गोयल के मुताबिक बैंक ने पिछली तिमाही में लगभग 1,201 करोड़ रुपये का लाभ हासिल किया था जो पिछली 14 तिमाहियों में सबसे अधिक था।
गोयल ने कहा कि बैंक का शुद्ध एनपीए -कुल ऋण के प्रतिशत के रूप में पिछली तिमाही में बैंक का 8.98 प्रतिशत था, जो इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1) में 9.72 प्रतिशत और इसी अवधि में पिछले साल 12.74 प्रतिशत था। पिछली तिमाही में बैंक का ग्रॉस एनपीए 24.85 प्रतिशत था, जबकि पहली तिमाही में यह 25 प्रतिशत और पिछले वर्ष इसी अवधि यानी पहली तिमाही में यह 25.71 प्रतिशत रहा था। बैंक ने हर तिमाही में दो हजार करोड़ की रिकवरी का टारगेट रखा है। पिछली तिमाही में बैंक ने 824 करोड़ रुपए की रिकवरी की थी।
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बैंक का कुल प्रावधान (चालू कर के अलावा) और आकस्मिक धनराशि 2019-20 (FY20) की Q1 में 1,803 करोड़ रुपये थी जबकि इसी अवधि में पिछले वित्त वर्ष में यह 1,781 करोड़ रहा। वित्तीय वर्ष 2020 के दूसरी तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 1,335 करोड़ रुपये रही। गोयल का कहना है कि कंपनी को 4500 करोड़ की आवश्यकता है।
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इस संदर्भ में कंपनी ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन को पत्र लिखा है और सरकार से भी इस बारे में मदद मांगी जाएगी। मौजूदा समय में एलआईसी की इस बैंक में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह बढ़कर 15 प्रतिशत तक हो सकती है। बैंक ने पिछली तिमाही में एलआईसी से टियर II पूंजी के रूप में 500 करोड़ रुपये जुटाए। बैंक ने कर्मचारी स्टॉक खरीद योजना के माध्यम से भी 266 करोड़ रुपये जुटाए।