विश्व बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 4.50 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें हर घंटे 53 सड़क दुर्घटना शामिल हैं इन दुर्घटनाओं में हर चार मिनट पर एक मौत होती है।
आपको जानकर हैरत होगी की पूरी विश्व में मौजूद वाहनों की कुल संख्या का मात्र 1 प्रतिशत भारत में है लेकिन पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में अकेले भारत में 11 प्रतिशत मौतें होती हैं।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार 2019 में मोटर व्हीकल एक्ट लेकर आई थी ताकि यातायात के नियमों को सख्त करके दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। जिसके चलते 2021 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने कार, बस, और ट्रक के टायरों के लिए सड़क पर आवर्ती घर्षण और गीली सड़क पर टायर की ग्रिप और उससे पैदा होने वाले साउंड के बारे में नया मसौदा जारी किया है जिसमें कुछ नए नियम जोड़े गए हैं।
ऑटो एक्सपर्ट्स की मानें तो सड़क पर होने वाले एक्सीडेंट में एक बड़ा कारण गाड़ी के टायर को माना जाता है जिसमें टायर खराब, घिरे हुए होने के चलते उनकी सड़क पर अच्छी पकड़ नहीं होती और ब्रेक लगाने के बावजूद गाड़ी टकरा जाती है। (ये भी पढ़ें– भारत की टॉप 5 CNG कार जो दिलाएंगी पेट्रोल के बढ़ते दाम से आजादी)
इसके अलावा टायर घिरे हुए और खराब होने के चलते सड़क पर पकड़ न बना पाने से गाड़ी की माइलेज पर भी खासा असर पड़ता है क्योंकि इन खराब टायरों की वजह से गाड़ी ज्यादा तेल पीती है।
सड़क परिवहन मंत्रालय की तरफ से बीते शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस नए मसौदे का उद्देश्य इस बात को सुनिश्चित करना है कि कारों, बसों और ट्रकों जैसे वाहनों के टायर अच्छी क्वालिटी के और भरोसेमंद हों।
इस विज्ञप्ति के मुताबिक मंत्रालय ने कहा है कि गाड़ियों के टायर संबंधित इन नए नियमों को 1 अक्टूबर 2021 से लागू किये जाने का प्रस्ताव है। इसी विषय पर मंत्रालय की तरफ से एक ट्वीट किया गया है जिसमें टायरों के मौजूदा डिजाइन और वाहनों में जिन नए डिजाइन के टायरों को फिट किया जाना है उसकी समय सीमा के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
मंत्रालय के मुताबिक ये यहा नया नियम वाहन चालको कों टायर संबंधी जरूरी पहलुओं पर निर्णय लेने में मदद करेगा। मंत्रालय द्वारा लागू किए गए नए नियम 2016 में लागू किए गए नियमों के अनुसार ही हैं और वर्तमान में ये नियम यूरोप में भी लागू हैं।