इंटरकनेक्शन को लेकर जारी विवाद के बीच दूरसंचार नियामक ट्राई ने कहा कि वह बातचीत के दौरान कॉल कटने यानी कॉल ड्राप को लेकर कंपनियों को नोटिस जारी कर सकती है। टेलिकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का कहना है कि कॉल ड्रॉप का स्तर तय मानक से बहुत अधिक है। ट्राई ने कहा कि रिलायंस जियो इंफोकॉम और दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्कों के बीच की गई कॉल्स में से 80-90 फीसदी तक फेल हो रही हैं। ट्राई के अध्यक्ष आरएस शर्मा ने कहा कि नियामक ने आंकड़ों की समीक्षा की है और वह कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है। उन्होंने कहा कि डाटा समीक्षा में यह बात सामने आई है कि सेवाओं की गुणवत्ता संबंधी नियमों के हिसाब से कॉल ड्रॉप तय स्तर से बहुत ज्यादा है। प्रथमदृष्टया यह एक तरह से नियमों के उल्लंघन का मामला बनता है।
ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि कॉल न हो पाने की इस ऊंची दर की वजह नेटवर्कों के बीच पॉइंट्स ऑफ इंटरकनेक्शन (PoI) अपर्याप्त होनी ही हो सकती है। ट्राई के इस रुख से भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के लिए मुश्किल हो सकती है, जो दावा करती रही हैं कि उन्होंने जियो के उपभोक्ताओं के लिए उन्होंने पर्याप्त पॉइंट्स मुहैया कराए हैं। शर्मा ने कहा, ट्राई ने संबद्ध दूरसंचार कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है। इसके साथ ही वह उनसे कहेगा कि वे पीओआई के मुद्दे पर लाइसेंस शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
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उल्लेखनीय है कि इंटरकनेक्शन के मुद्दे पर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो व मौजूदा कंपनियों में खींचतान चल रही है। जियो का आरोप है कि मौजूदा कंपनियां उसे पर्याप्त प्वाइंट आफ इंटरकनेक्शन (पीओआई) उपलब्ध नहीं करा रही हैं। जियो के मुताबिक उसके ग्राहकों की 75-80 प्रतिशत कॉल नहीं लग पा रही हैं और दस दिन में ही एयरटेल, वोडाफोन इंडिया व आइडिया सेल्यूलर के नेटवर्क पर उसकी 52 करोड़ कॉल विफल रही हैं।