मिलावटी शहद के मामले में देश की ब्रांडेड कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) को उचित कार्रवई करने का निर्देश दिया है। CCPA ने ये आदेश उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के बयान के बाद दिया है।
क्या था उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का बयान: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर शहद में मिलावट की खबरों पर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने कहा, ”विभाग को खबर मिली है कि बाजार में बेचे जा रहे अधिकतर ब्रांडेड शहद में चीनी की मिलावट है। यह गंभीर मसला है और कोविड-19 महामारी के दौर में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकता है। यह कोविड-19 को लेकर जोखिम को बढ़ाने वाला है।”
इसके साथ ही उपभोक्ता मामलों के विभाग ने CCPA को मामले में दखल देने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि पर्यावरण संबंधी गतिविधियों पर निगरानी रखने वाली एक संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने दावा किया था कि भारत में बेचे जा रहे कई ब्रांडेड शहद में चीनी की मिलावट पायी गयी है।
इनमें डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। सीएसई ने पाया कि 77 प्रतिशत नमूनों में चीनी की मिलावट पायी गयी। परीक्षण किए गए 22 नमूनों में से मात्र पांच ही सभी तरह के परीक्षणों में खरे उतरे। हालांकि, कंपनियों ने इन दावों को खारिज कर दिया। कंपनियों ने दावा किया है कि हम भारत में ही प्राकृतिक तौर पर मिलने वाला शहद इकट्ठा करते हैं और उसी को बेचते हैं।