दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने मेट्रो के फेज एक और दो की टिकट प्रणाली के विस्तार का काम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनी थैलेस को सौंपा है। इस के एक हिस्से के रूप में, यात्रियों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त टिकट मशीनें और एक्सेस गेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
थैलेस के एक बयान के मुताबिक इस परियोजना में लगभग 100 स्टेशन शामिल होंगे, जिसके तहत टिकटों की बिक्री के लिए नई पीढ़ी के कर्मचारी रहित उपकरणों से दिल्ली मेट्रो के फेज एक (65 किलोमीटर ) और दो (125 किलोमीटर) की टिकट प्रणाली में सुधार लाया जाएगा और इसका विस्तार किया जाएगा। थैलेस कुल 240 अतिरिक्त एक्सेस गेटों की आपूर्ति करेगा और 300 टिकट वेंडिंग मशीनें व कॉर्ड टॉपअप के लिए 150 आॅटोमेटिक वेंडिंग मशीनें लगाएगा। यह अतिरिक्त गेट फरवरी 2016 तक सौंप दिए जाएंगे और सितंबर 2016 तक शुरू कर दिए जाएंगे।
हाल ही में, मेट्रो के दो नए स्टेशनों, फरीदाबाद और बादली का उद्घाटन नई स्वचालित वेंडिंग मशीनों के साथ किया गया है, जिससे टिकट काउंटर पर लगने वाली कतारों को कम करना मुमकिन हो पाया है। थैलेस 13 साल से ज्यादा समय से डीएमआरसी का साझेदार है। अब तक थैलेस ने मेट्रो के कुल नेटवर्क के 70 फीसद से अधिक हिस्से को संवारा है, जो रोजाना लगभग 30 लाख यात्रियों को सेवा देता है। थैलेस के स्वचालित सिस्टम दिल्ली के नागरिकों के लिए मेट्रो की यात्रा को बेहतर बनाने और इस व्यस्त शहर में कार्बन डाईआॅक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद कर रहे हैं।
भारत में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के दीर्घकालिक साझेदार के रूप में देश की अनेक जगहों पर थैलेस की सफलताओं का जिक्र किया जा सकता है। इनमें नई दिल्ली और गुड़गांव मेट्रो में टिकट सिस्टम, नई दिल्ली, मुंबई, जयपुर, हैदराबाद और मंगलुरु मेट्रो में संचार व पर्यवेक्षण प्रणालियां और हैदराबाद मेट्रो के लिए उन्नत सिगनल शामिल हैं। मेन लाइन में, थैलेस पूरे भारतीय रेल नेटवर्क पर डिजिटल एक्सल काउंटर और दक्षिण रेलवे के लिए एक रेलगाड़ी संरक्षण व चेतावनी प्रणाली (यूरोपीय रेलगाड़ी नियंत्रण प्रणाली) उपलब्ध करा रहा है।