सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है और इससे अब कोई भी दुकानदार टैक्स चोरी नहीं कर सकता। दरअसल सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स को पीएमएलए के दायरे में लाने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अब कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक को फर्जी बिल देकर टैक्स चोरी नहीं कर सकता।

जीएसटी टैक्स चोरी करने वाले के खिलाफ ED सीधे करेगी कार्रवाई

जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने से अब सीधे ED इससे जुड़े मामलों में दखल दे सकेगी। जीएसटी टैक्स चोरी करने वाले के खिलाफ ED सीधे कार्रवाई के लिए आगे बढ़ सकती है। इसके लिए जीएसटी नेटवर्क का डेटा ईडी और एफआईयू के साथ भी शेयर किया जाएगा। अगर ED को किसी भी जीएसटी फॉरेक्स ट्रांजेक्शन संदिग्ध लगेगा, तो इस बारे में ED अपनी जानकारी जीएसटीएन के साथ साझा करेगी।

सरकार जीएसटी कलेक्शन के लिए इस कानून का उपयोग करेगी। इससे टैक्स चोरी करने वालों पर लगाम लगाई जा सकती है। सरकार के इस नए नियम में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट, फर्जी चालान को भी शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि फर्जी बिलिंग के जरिए टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है।

छोटे व्यापारियों के जीएसटीएन की जानकारियों को पीएमएलए की धारा 66 (1) (iii) के तहत दी जाएगी। यानी अब छोटे व्यापारियों को अपने अकाउंट रखने के लिए सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध करवाया जाएगा और इसके लिए अब वह अपने मंथली रिटर्न को भी अपलोड कर सकते हैं।

क्या है PMLA?

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट लेकर आई थी, जिसका मकसद ब्लैक मनी को व्हाइट करने के तरीकों पर रोक लगाना है। यह कानून मनमोहन सरकार ने 2005 में लागू किया था। इस कानून के तहत ED आरोपी को गिरफ्तार करके उसके संपत्तियों को जब्त कर सकती है। इसमें जांच के बाद ही कोर्ट द्वारा कोई फैसला लिया जाता है।

क्या है GSTN?

GSTN को सरकार ने GST की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टेब्लिश किया है। GST को लागू करने के लिए GSTN केंद्र और राज्य सरकारों, टैक्सपेयर्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स को एक साझा IT इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस प्रोवाइड करता है।