उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि आपसी सद्भाव विकास का परिचायक और सांप्रदायिकता देश की दुश्मन है। राजनीति की प्रतिबद्धता धर्मनिरपेक्षता के साथ होती है, लेकिन संविधान की शपथ लेने के बाद भी कुछ दल देश की 125 करोड जनता को गुमराह कर रहे हैं। कुछ लोग यूपी को गुजरात बनाना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सूझबूझ से प्रदेश बचा। कानून व्यवस्था बिगाड़ने का यदि किसी ने प्रयत्न किया तो कानून अपना काम करेगा। वे शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उत्तराखंड में राजनीति से जनता के उठ रहे विश्वास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता को विकल्प देना चाहती है। उन्होंने कहा कि सपा ने उत्तर प्रदेश में जो विकास की गंगा बहाई है उसी के अनुरूप उत्तराखंड की जनता को भी लाभ मिले इसके लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव स्वयं राज्य का दौरा करेंगे। जिस प्रकार यूपी में 55 लाख महिलाओं को पेंशन, 18 लाख विद्यार्थियों को लैपटॉप, बेरोजगारी भत्ता और अन्य सभी सुविधाएं मिलीं, वही लाभ उत्तराखंड की जनता को भी मुहैया कराया जाएगा।
केंद्र सरकार पर उत्तर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार का अरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने समाजवादी एंबुलेंस का अनुदान बंद कर दिया और यूपी ने केंद्र से साठ हजार करोड़ की जो सहायता राशि बुंदेलखंड के लिए मांगी थी वह मात्र 2300 करोड़ ही मिली। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पांच हजार करोड़ अपने संसाधनों से दिए जबकि केंद्र ने बिना पानी की ट्रेन भेजकर ड्रामा किया। यूपी से जीते भाजपा के 73 सांसदों ने राज्य के विकास में कोई सहयोग न कर केवल सांप्रदायिकता भड़काने का काम किया। अयोध्या, मथुरा, कांठ, मुज्जफरनगर और शामली में यही हो रहा है।
इलाहाबाद में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक से देश में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा मिटने का खतरा बताते हुए चौधरी ने कहा कि ये लोग संविधान की शपथ लेने के बाद उल्टा काम कर रहे हैं। उत्तराखंड में राजकोष की लूटपाट के लिए दो माह तक चली सत्ता की छीना-झपटी को देश के लिए कलंक बताते हुए कहा कि नया राज्य बनने के बाद यहां जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य नहीं हुआ।
यूपी की पूर्ववर्ती सरकार में हुई एक लाख करोड़ की लूटपाट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता के दुरुपयोग को देखकर ही जनता ने सपा को चुना और यूपी में नई राजनीतिक परिस्थितियों का सृजनकर राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी गई। अखिलेश यादव भारत के बेदाग मुख्यमंत्री के रूप में उभरे हैं। हमारी पार्टी उत्तराखंड की जनता को भी राजनीतिक विकल्प देना चाहती है। पत्रकारिता को लोकतांत्रिक व्यवस्था का आइना और प्रमुख स्तंभ बताते हुए सपा नेता ने कहा कि पत्रकारिता तभी जीवित रहेगी जब लोगों को पता चल जाए कि लोकतंत्र लोगों के लिए है।
उन्होंने केंद्र पर काबिज एक नेता की हिटलर से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी झूठ को सौ बार बोला जाए तो जनता उसे भी सही मान लेगी। आज 125 करोड लोगोें के सामने यही स्थिति है। और समाज को भ्रमजाल से निकलकर जागरूक होने की जरूरत है।
25 जून का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा हुई थी, तो पूरा देश स्तब्ध रह गया था। आज फिर देश के सामने वैसे ही हालात पैदा हो रहे है। कारपोरेट जगत के मुट्ठी भर लोगों के देश की 125 करोड़ जनता का ठेकेदार बताते हुए कहा कि 25 साल पूर्व जबसे देश में बहुराष्टÑीय कंपनियों का पदार्पण हुआ तब से लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है।