Mosquito Repellent: मच्छरों को भगाने के लिए घरों में जलाया जाने वाला गुड नाइट (Good Knight) एक कीटनाशक है। ओडिशा हाई कोर्ट ने एक फैसले में ट्रिब्यूनल के आदेश को बरकरार रखते हुए इस पर लागू 4 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) सही करार दिया है। कोर्ट ने माना कि गोदरेज सारा ली लिमिटेड द्वारा बेचा गया मच्छर भगाने वाला गुड नाइट एक कीटनाशक है।
एसीएसटी और ट्रिब्यूनल के आदेशों को रखा बरकरार
ओडिशा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस एम.एस. रमन की डिविजन बेंच ने ट्रिब्यूनल के आदेश को बरकरार रखा है और नोट किया है कि मॉस्किटो रिपेलेंट अनुसूची बी के भाग II की प्रविष्टि 30 में बताए गए हिसाब से यह एक कीटनाशक है। इसलिए इस प्रोडक्ट पर 4 फीसदी टैक्स लागू है। इससे पहले आयकर विभाग ने एसीएसटी और ट्रिब्यूनल के आदेशों को चुनौती दी है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में माना था कि गुड नाइट दरअसल एक कीटनाशक है और इस पर 4 फीसदी वैट लागू है।
क्या है पूरा मामला
लाइव लॉ में छपी खबर के मुताबिक, हाई कोर्ट के सामने आया मुद्दा यह था कि क्या मच्छर प्रतिरोधी “गुड नाइट” को ओवीएटी अधिनियम की अनुसूची बी के भाग II की प्रविष्टि 30 के तहत “कीटनाशक” के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है? इस पर 4 फीसदी टैक्स लगता है। टैक्स विभाग ने तर्क दिया कि इसे ओवीएटी अधिनियम की अनुसूची बी के भाग III के संदर्भ में “अन्य सभी वस्तुओं” के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जो 12.5 फीसदी टैक्स के लिए उत्तरदायी है। वादी गोदरेज ने कोर्ट में सबूत पेश किया कि उसके पास कीटनाशक ट्रांसफ्लुथ्रिन के निर्माण के लिए कीटनाशक अधिनियम, 1968 की धारा 9(3) के तहत तरल वेपोराइज़र में 1.6 फीसदी w/w कीटनाशक के पंजीकरण का प्रमाण पत्र है।
प्रोडक्ट के साथ लगे पंफलेट को माना सबूत
ओडिशा राज्य बनाम मैसर्स गोदरेज सारा ली लिमिटेड टाइटल केस में अदालत ने कहा कि संशोधन याचिका में उत्पाद के साथ लगाए गए पंफलेट से पता चलता है कि इसके प्रमुख अवयवों में से एक “ट्रांसफ्लुथ्रिन 0.88 फीसदी w/w लिक्विड वेपोराइज़र” है। उस पंफलेट में यह बताया गया है कि ट्रांसफ्लुथ्रिन 0.88 फीसदी w/w लिक्विड “घर में वयस्क मच्छरों के नियंत्रण के लिए अनुशंसित एक प्रभावी कीटनाशक है।”