देश का टेलीकॉम सेक्टर गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है। इसका असर टेलीकॉम कंपनियों के मालिकों की संपत्ति पर भी पड़ रहा है। बता दें कि वित्तीय संकट से गुजर रही वोडाफोन आइडिया कंपनी में दूसरे सबसे बड़े साझीदार कुमार मंगलम बिरला की संपत्ति में बीते 2 सालों में 3 अरब डॉलर की भारी-भरकम कमी आयी है। ब्लूमबर्ग इंडेक्स के अनुसार, दो साल पहले कुमार मंगलम बिरला की कुल संपत्ति 9.1 अरब डॉलर थी, जो कि अब घटकर 6 बिलियन डॉलर रह गई है।

साल 2017 के अंतिम दिनों से दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया का घाटा लगातार बढ़ा है और कंपनी पर कर्ज भी काफी बढ़ा है। इसके अलावा कुमार मंगलम बिरला की अन्य फ्लैगशिप फर्म जो कि केमिकल, मेटल्स और सीमेंट का उत्पादन करती हैं, उनके शेयरों में भी खासी गिरावट देखने को मिली है। कुमार मंगलम बिरला की संपत्ति का बड़ा हिस्सा उनके स्वामित्व वाली कंपनी आदित्य बिरला ग्रुप से आता है, जो कि उनकी कई होल्डिंग कंपनी को नियंत्रित करती है।

बता दें कि साल 2016 में भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस जियो के प्रवेश के साथ ही दूरसंचार क्षेत्र में प्राइस वॉर शुरु हो गई थी। इसके चलते अभी तक दो टेलीकॉम कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन और कुमार मंगलम बिरला की आइडिया ने साथ आने का फैसला किया। हालांकि अभी भी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं और बीते हफ्ते ही कंपनी ने कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा दर्ज किया है।

वोडाफोन आइडिया की मुश्किले बीते माह सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से और ज्यादा बढ़ गई है। दरअसल कोर्ट के फैसले के तहत कंपनी को सरकार को AGR (Adjusted Gross Revenue) के तौर पर 4 अरब डॉलर भी चुकाने होंगे। वहीं कंपनी पर 4 बिलियन डॉलर का कर्ज भी हो गया है। वोडाफोन-आइडिया कंपनी के शेयर साल 2017 के बाद से अब तक 90% कर गिर गए हैं, जिसके चलते कंपनी की मार्केट वैल्यू 2.7 अरब डॉलर ही रह गई है।

कुमार मंगलम बिरला के दुनिया की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड और साथ ही भारत की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड में भी हिस्सेदारी है। हिंडाल्को के शेयर भी 2017 के बाद से 31% तक गिर गए हैं। वहीं ग्रासिम के शेयर में भी 33% की गिरावट आयी है।