केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने मंगलवार को जारी अपने एक बयान में टीडीएस को लेकर कहा कि बैंकों को एकमुश्त भुगतान या लोन माफी पर 10 फीसदी टैक्स कटौती की आवश्यकता नहीं है। इसका मतलब है कि कर्ज माफी और वन टाइम सेटेलमेंट (OTS) पर TDS कटौती से छूट दे दी गई है। साथ ही CBDT ने स्पष्ट करते हुए कहा कि OTS या कर्ज माफी को बैंक की ओर से लाभ या अनुलाभ के रूप में नहीं माना जाएगा।
सीबीडीटी ने यह भी कहा कि लोन माफी और वन टाइम सेटलमेंट पर टैक्स कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अगर टैक्स लगाया जाता है तो उन्हें डबल कटौती का सामना करना होगा, जो अतिरिक्त भार हो सकता है। यह छूट सभी सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों, अनुसूचित बैंकों, सहकारी बैंकों, ग्रामीण विकास बैंकों, राज्य वित्तीय निगमों और राज्य औद्योगिक निवेश निगमों को दिया जाएगा।
यह सुविधा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, एनबीएफसी और भारत में आवासीय उद्देश्यों और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए घरों के निर्माण या खरीद के लिए दीर्घकालिक वित्त प्रदान करने वाली सार्वजनिक कंपनियों के लिए भी उपलब्ध होगा।
गौरतलब है कि बजट 2022-23 के दौरान आयकर विभाग की नई धारा 194R के बारे में जानकारी दी गई थी। इस सेक्शन के तहत जानकारी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति, जो कोई भी लाभ बिजनेस हो या प्रोफेशन से 20,000 रुपये एक साल में कमाता है, तो उसे 10 प्रतिशत टीडीएस कटौती करानी होगी। हालांकि ये पैसा आप आईटीआर क्लेम करके निकाल सकते हैं।
वहीं इसके बाद बैंकों की ओर से वन टाइम सेटेलमेंट और कर्ज माफी के मामले में टीडीएस कटौती की जा रही थी। लेकिन अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसे लेकर स्पष्ट कर दिया है। इसके अलावा, सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि सूचीबद्ध संस्थाओं द्वारा बोनस या राइट शेयर जारी करने पर टीडीएस नहीं लगेगा।
स्पष्टीकरण के अनुसार, यदि कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट के बारे में डीलरों को शिक्षित करने के लिए डीलरों के सम्मेलन आयोजित करती है, तो इसे अनुलाभ के रूप में नहीं माना जाएगा।