सुप्रीम कोर्ट ने आज (22 सितंबर, 2025) सोमवार को कहा कि वह अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया विमान हादसे की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन गेटविक जाने वाली Air India Flight AI171 उड़ते ही क्रैश हो गई थी जिसमें कुल 265 लोगों की मौत हो गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका (PIL) पर कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए। इस याचिका में दुर्घटना की स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच की मांग की गई है।

एयर इंडिया विमान हादसे की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सिविल एविएशन मंत्रालय, डीजीसीए और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह नोटिस केवल इस उद्देश्य से जारी किया जा रहा है कि जांच स्वतंत्र, निष्पक्ष और शीघ्र हो सके।

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याचिका में क्या कहा गया?

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि दुर्घटना को 100 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन अब तक केवल प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है। इसमें न तो हादसे के वास्तविक कारणों का खुलासा किया गया है और न ही भविष्य में सुरक्षा के लिए जरूरी सावधानियों का जिक्र है। उन्होंने चेतावनी दी कि बोइंग विमान से यात्रा कर रहे यात्री आज भी संभावित खतरे में हैं। भूषण ने यह भी तर्क दिया कि हादसे की जांच के लिए नियुक्त पांच सदस्यीय समिति में से तीन अधिकारी DGCA से हैं, जबकि डीजीसीए की भूमिका खुद जांच के दायरे में आ सकती है। ऐसे में हितों का गंभीर टकराव है और यह समिति निष्पक्ष जांच करने में सक्षम नहीं मानी जा सकती।

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जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान कहा कि निष्पक्ष जांच की मांग समझ में आती है, लेकिन यह भी सवाल है कि याचिकाकर्ता ने इतनी अधिक जानकारी सार्वजनिक करने की मांग क्यों की है।

यह याचिका कैप्टन अमित सिंह के नेतृत्व वाले विमानन सुरक्षा एनजीओ कॉन्स्टिट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन की ओर से दाखिल की गई है। इसमें एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि कई अहम जानकारियां दबाई गईं और पूरी जिम्मेदारी पायलट पर डाल दी गई।