रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनी सुपरटेक ने अपने कर्ज को घटाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। शनिवार को कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कंपनी ने मेरठ और हरिद्वार में स्थित 1000 करोड़ रुपए की संपत्तियों को बेचने का फैसला किया है, जिसकी मदद से कंपनी मौजूदा अपने प्रोजेक्ट को पूरा और अपना कर्ज कम कर सके।

कंपनी के पास मेरठ में एक होटल और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स है। हरिद्वार में भी कंपनी के पास एक होटल और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मौजूद है। कंपनी की ओर से कुछ वर्ष पहले भी इसे बेचने की योजना बनाई गई थी, लेकिन कोरोना के कारण और मंदी होने के चलते सुपरटेक इन संपत्तियों को बेच नहीं सका था, अब एक बार फिर से सुपरटेक ने इन संपत्तियों को बेचने का ऐलान किया है।

पिछले महीने 10 जून को एनसीएलटी (National Company Law Appellate Tribunal) ने सुपरटेक के ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्रोजेक्ट इको विलेज 2 के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चलाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट के लिए लेनदारों की एक समिति को गठित करने का भी आदेश दिया था। एनसीईआरटी के इस आदेश के बाद सुपरटेक की तरफ से बयान जारी करके कहा गया कि कंपनी बड़े स्तर पर अपने सभी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए संचालन फिर से शुरू कर रही है, जो कि एनसीएलटी के आदेश में अनिश्चितता की वजह से रुका हुआ था।

इससे पहले भी 25 मार्च को एनसीएलटी सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया चलाने का आदेश दे चुकी है। यह आदेश यूनियन बैंक की ओर से 432 करोड रुपए के भुगतान न करने को लेकर दायर की गई याचिका के बाद दिया गया था।

इस फैसले को सुपरटेक के सीएमडी आरके अरोड़ा ने चुनौती दी थी। अरोड़ा ने बताया कि एनसीएलटी ने कंपनी को लेनदारों के साथ जल्द से जल्द विवाद निपटाने को कहा है। इस आदेश के बाद कंपनी अलग-अलग प्रोजेक्ट में 923 फ्लैटों की जल्द से जल्द डिलीवरी देने की कोशिश करेगी और आने वाले समय में कंपनी के पास 100 करोड़ रुपए की पूंजी आएगी।