कर्ज के बोझ तले दबे सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) ने सोमवार को Zee Entertainment Enterprises Limited (ZEEL) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, वह कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक (Non-Executive Director) बने रहेंगे।
ZEEL के चीफ कंप्लायंस ऑफिसर और कंपनी सेक्रेट्री ने सोमवार को BSE Limited और National Stock Exchange of India को इस बाबत लिखी चिट्ठी लिखी। इसमें कहा गया, “शेयर होल्डिंग में बदलाव के साथ सुभाष चंद्रा ने तत्काल प्रभाव से ZEEL चेयरमैन पद से इस्तीफे की इच्छा जाहिर की है। बोर्ड उनका इस्तीफा स्वीकारता है।”
पत्र में आगे कहा गया- यह सेबी सूचीबद्धता नियमन के नियम 17 (आईबी) के अनुरूप है, जिसके तहत निदेशक मंडल का चेयरपर्सन प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यपालक अधिकारी से जुड़ा नहीं होना चाहिए। चंद्रा, कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक रहेंगे।
आधिकारिक बयान के अनुसार, “बोर्ड में यह बदलाव मौजूदा और नए संस्थागत निवेशकों के लिए मजबूत संदेश है, जिन्होंने हाल ही में 4770 करोड़ रुपए का निवेश कर हममें अपना विश्वास जताया था।”
चंद्रा के नेतृत्व वाले Essel Group ने मीडिया के लगभग 16.5% शेयर वित्तीय निवेशकों को बेच दिए थे, ताकि वह कर्ज के बोझ से उबर सकें। बता दें कि चंद्रा ने 1992 में इस समूह की स्थापना की थी, जबकि भारत में निजी सैटेलाइट टेलीविजन की दुनिया में Essel Group की अहम भूमिका रही है।
कंपनी ने इसी के साथ तीन नए स्वतंत्र निदेशकों को भी नियुक्त किया है, जिनमें आर गोपालन, सुरेंद्र सिंह और अपराजिता जैन हैं। इन तीनों ने Essel Group के दो स्वतंत्र डायरेक्टर्स और एक नॉमित निदेशक की जगह ली है।
इससे पहले, सितंबर में इसी साल समूह ने ZEEL के 11 फीसदी शेयर Invesco-Oppenheimer को 4,224 करोड़ रुपए में बेच दिए थे, जिसके बाद कंपनी ने चार हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया था।
जानें सुभाष चंद्रा को: सुभाष चंद्रा देश की पहली निजी सैटेलाइट टीवी कंपनी ZEE Entertainment के संस्थापक होने के साथ ही अपने गृह राज्य हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी हैं। Zee Entertainment Enterprises को चंद्रा के बेटे पुनीत और अमित चलाते हैं। जी के कुल 76 चैनल हैं, जो कि लगभग 173 देशों में देखे जाते हैं।
चंद्रा के नेतृत्व वाला Essel Group अपने 91वे साल में है और उसका सालाना टर्नओवर 3.6 बिलियन डॉलर है। Essel Group, मीडिया व मनोरंजन, शिक्षा, वित्तीय सेवा आदि क्षेत्रों में पैर पसार चुका है और इसका लगभग 10 अरब डॉलर से आसपास का साम्राज्य हो चुका है।
