सपने पूरा करने की कोई भी उम्र नहीं होती है। उसे किसी उम्र और पड़ाव पर पूरा किया जा सकता है। ऐसी ही कहानी है मुंबई की रहने वाली कोकिला पारेख की, जिन्होंने अपना मसाला चाय का व्यापार 79 साल की उम्र में शुरू किया।
‘द बैटर इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोकिला पारेख को उनकी में मां ने एक खास तरह की मसाला चाय बनाना सिखाया था, जिसे वह अपने परिवार में अकसर बनाया करती थी। कोरोना लॉकडाउन के समय उनके बच्चों और रिश्तेदारों ने उन्हें अपनी इस मसाला चाय का व्यापार करने का आइडिया दिया, जिसके बाद से कोकिला परिख ने घर से ही अपना कारोबार शुरू किया।
कारोबार शुरू करने में उनके बेटे तुषार ने भी काफी मदद की है और चाय के खास मसालों के आपूर्तिकर्ता को खोजने में काफी मदद की और केटी (कोकिला और तुषार) चाय मसाला नाम से व्यापार शुरू किया।
केटी (कोकिला और तुषार) चाय मसाला के मुताबिक, वह अपनी चाय के लिए बिल्कुल ताजा मसालों का प्रयोग करते हैं। इसमें किसी भी प्रकार के आर्टिफिशियल रंग का प्रयोग नहीं किया जाता है और यह शरीर में इम्युनिटी को बढ़ाती है। ह्यूमन ऑफ बॉम्बे की ओर से बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री में कोकिला पारेख ने बताया है कि केटी मसाला चाय को एक दिन में 500 के करीब चाय के पैकेट के ऑर्डर मिल जाते हैं।
79 वर्ष की उम्र में कोकिला पारेख को अपना कारोबार शुरू करने के लिए कई संस्थाओं की ओर से प्रोत्साहित भी किया जा चुका है। वह कई सोशल इवेंट्स में और कई न्यूज आर्टिकल में फीचर किया जा चुका है।
ह्यूमन ऑफ बॉम्बे को कोकिला पारेख ने बताया कि वह ऐसे वातावरण में पली बढ़ी थी, जहां ज्यादातर महिलाएं केवल घर- गृहस्थी को ही संभालती हैं। मेरी शादी 21 साल की उम्र में हो गई थी और परिवार शुरू हो गया था। अगले 60 साल उन्होंने केवल घर- गृहस्थी को ही संभाला।
कोकिला पारेख ऐसे लाखों- करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है जो ये समझते हैं कि जीवन में एक पड़ाव निकालने के बाद कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। वहीं, आज कोकिला पारेख 80 उम्र के पड़ाव के करीब पहुंचकर अपने सपनों को सच साबित कर ऐसे लोगों को गलत साबित कर रहे हैं।