आर्थिक संकट से जूझ रहे YES BANK को बड़े निवेशकों से निवेश के जरिए मदद की पेशकश हुई है। कनाडा के अरबपति इरविन सिंह ब्रेच यस बैंक को बचाने में जुटे हैं और उन्होंने 8600 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। YES BANK को बचाने में जुटे इस अरबपति की कहानी दिलचस्प है।

इंटरव्यू और कोर्ट रिकॉर्ड के अलावा मुकदमें, दिवालियापन और विवादित बिजनेस डील्स भी इरविन सिंह के हिस्से में हैं। उनके पास अपने पैसे का प्रबंधन करने के लिए कोई मुख्यालय नहीं है, कोई बैंकर नहीं है और फिलहाल वह कनाडा के थ्री स्टार मोटल में रह रहे हैं।

इरविन सिंह ब्रेच की कहानी दिलचस्प हैं। भारतीय मूल के कनाडाई उद्योगपति इरविन, इरविन ब्रेच ग्रुप ऑफ कंपनीज एंड ट्रस्ट के संस्थापक हैं। उनके पिता हरमन सिंह ब्रेच साल 1927 में भारत छोड़कर कनाडा चले गए थे। पिता की मौत के बाद इरविन सिंह ने ब्रिटिश कोलम्बिया यूनिवर्सिटी की पढ़ाई छोड़कर अपने ​पारिवारिक बिजनेस मे अपना पदार्पण किया और बिजनेस संभाला।

58 वर्षीय इरविन सिंह ने खुद को दिवालिया करार दिए जाने पर कनाडा सरकार से 14 साल तक एक केस भी लड़ा और केस में जीत भी हासिल की। इतना ही नहीं इस केस के दौरान उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर जाने से भी बैन लगाय  गया था।

ब्रेंच  मिशन, ब्रिटिश कोलंबिया (वैंकूवर से 70 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व) में  पले बढ़े हैं। वह मूल रूप से पंजाब के एक सिख परिवार के छह बच्चों में सबसे बड़े हैं।  उनके पिता हरमन स्थानीय इंडो-कनाडाई समुदाय में काफी माने जाने थे। ब्रेंच के पिता ने 14 साल की उम्र में भारत छोड़ दिया था। ब्रेंच के पिता का 1976 में निधन हो गया था।

बता दें कि यस बैंक कनाडा के अरबपति का निवेश ठुकरा सकता है। इस खबर का असर बैंक के शेयर पर भी देखने को मिला। सप्‍ताह के दूसरे दिन शुरुआती कारोबार में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।