केंद्र सरकार की ओर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए जारी किए गए 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत कर्ज मिलने शुरू हो गए हैं। सरकारी क्षेत्र के दिग्गज भारतीय स्टेट बैंक ने महज एक दिन में ही 3,000 करोड़ रुपये के लोन बांटे हैं। बैंक ने सोमवार को 22,000 लोन आवेदनों को मंजूरी दी है, जिनके तहत यह रकम जारी की गई है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से लोन गारंटी के चलते बैंकों में 30,000 करोड़ रुपये आए हैं। बैंकों की ओर से इस रकम को लोन जारी करते वक्त अलग नहीं रखा जा सकता।

दरअसल केंद्र सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए लागू हुए लॉकडाउन के चलते सुस्त हुई अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है। इस पैकेज का बड़ा हिस्सा गारंटीड क्रेडिट लाइन के तौर पर ही है ताकि बैंकों की ओर से ज्यादा से ज्यादा कर्ज छोटे उद्योगों को बांटे जा सकें। इसी के तहत भारतीय स्टेट बैंक ने एक अलग यूनिट का ही गठन किया है, जिसे माइक्रो यूनिट्स के लोन के आवेदनों पर विचार करने का काम सौंपा गया है।

देश भर में एसबीआई ने ग्रामीण और अर्धग्रामीण इलाकों में 8,000 शाखाओं को चयनित किया है, जिन्हें छोटे उद्योगों और किसानों को लोन देने का काम दिया गया है। यही नहीं एसबीआई के चेयरमैन ने बैंकों के कर्ज के फंसने के संकट को लेकर कहा कि स्थिति उतनी भी खराब नहीं है, जितनी बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि वे नहीं मानते हैं कि आने वाले दिनों में बैड लोन में इजाफा होगा। कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन उदय कोटक के एक बयान को लेकर यह बात कही। कोटक ने कहा था कि आने वाले दिनों में एनपीए का आंकड़ा बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।