बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों को चाकलेट काफी पसंद होती है। वहीं, चाकलेट के सबसे तेजी से उभरते बाजारों में भारत का नाम शीर्ष देशों में आता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2015 से 2016 के बीच खुदरा बाजारों में चाकलेट की बिक्री 13 फीसद तक बढ़ी। अब ऐसे में आपके पास चाकलेट बनाने का हुनर है तो क्या कहना। घर पर बनी चाकलेट की भी बाजार में भारी मांग है।

आपको इसे शुरू करने के लिए कच्चे माल और पैकेजिंग को खरीदने के लिए 40,000 से 50,000 रुपए की अनुमानित पूंजी की आवश्यकता होगी। यदि आप बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए मशीनरी तैनात करना चाहते हैं, तो लागत दो लाख से तीन लाख रुपए तक बढ़ सकती है। मिक्सिंग, कुकिंग और कूलिंग उपकरण से अधिक मात्रा में उत्पादन आसान हो जाएगा।

घर पर ही चाकलेट को तैयार करने के लिए आपको डार्क चाकलेट, मिल्क चाकलेट, सूखे मेवे, पैकिंग रैपर, बाउलर और चाकलेट मेकिंग सांचा या डिजाइनिंग प्लेट की जरूरत होगी। चाकलेट बनाने का व्यापार खाद्य से जुड़ा व्यापार है तो जाहिर तौर पर इसके लिए आपको एफएसएसएआइ से लाइसेंस लेना होगा। इसके अलावा आपके नगर निगम के व्यवसायिक विभाग से पंजीकरण कराने के लिए संपर्क करना होगा।

अब बात आती है तैयार चाकलेट को कहां बेचा जाए। आप अपनी चाकलेट को फुटकर दुकानों में थोक में बेच सकते हैं। इसके अलावा आप अपने आस-पास भी अपनी चाकलेट की मार्केटिंग कर खुद की दुकान शुरू करके भी इसे बेच सकते हैं। आप अपने इस व्यापार को बढ़ाने के लिए अपनी चाकलेट को अपनी वेबसाइट के माध्यम से भी बेच सकते हैं। इसके साथ ही आप अपनी वेबसाइट के अलावा किसी अन्य प्रतिष्ठित वेबसाइट जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि के माध्यम से भी अपनी चाकलेट बेच कर व्यापार कर सकते हैं।

प्रस्तुति : सुशील राघव